मौलाना मदनी के बयान पर स्वामी जितेंद्रानंद का पलटवार, कहा- इन्हें इतिहास ठीक से पढ़ने की जरुरत
वाराणसी। अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने मौलाना मदनी द्वारा सनानत धर्म की प्राचीनता पर दिए बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि मौलाना मदनी…
![मौलाना मदनी के बयान पर स्वामी जितेंद्रानंद का पलटवार, कहा- इन्हें इतिहास ठीक से पढ़ने की जरुरत मौलाना मदनी के बयान पर स्वामी जितेंद्रानंद का पलटवार, कहा- इन्हें इतिहास ठीक से पढ़ने की जरुरत](http://varanasitoday.com/wp-content/uploads/2023/02/Jitendranand.jpg)
वाराणसी। अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने मौलाना मदनी द्वारा सनानत धर्म की प्राचीनता पर दिए बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि मौलाना मदनी के बयान के बाद लगता है कि उन्हें इतिहास सही से नहीं पढ़ाया गया है। उन्होंने आगे भारत सरकार से मांग करते हुए कहा कि तथ्यों के आधार पर पूरा इतिहास का लेखन दोबारा करवाना चाहिए।
उन्होंने आगे का कि मौलाना मदनी इस्लाम को दुनिया को प्राचीन धर्म बताएंगे, तो कोई बौद्ध धर्म को। जब भगवान बुद्ध ने स्वयं पाली भाषा में कहा ‘असो धम्म: सनातन:’ यानी कि सबसे पुराना धर्म सनातन है।
मदनी और स्वामी प्रसाद के बयानों से लगता है कि सच में अब तथ्यों के आधार इतिहास का पूरा लेखन दोबारा करना की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि बार तुर्की और सीरिया में भी आए भूकंप में 3000 साल पुराने मंदिर मिले हैं, चीन के अंदर भी 5000 साल पुराने मंदिर मिले हैं और द्वारिका, गुजरात में 500 साल पुराना शहर उपलब्ध है ही। उन्होंने मैलाना मदनी को चुनौती देते हुए कहा कि ऐसा कोई भी पुराना कोई हजार साल पुराना आर्किटेकचर उपलब्ध करा देना और इस तरह की बहस में आना अन्यथा देश की जनता से इसतरह के झूठ के लिए मांफी मांगना।
बता दें कि बीते दिनों स्वामी प्रसाद ने कहा था कि सही बात तो यह है कि बुद्ध कहते थे कि ‘असो धम्म: सनातन:’ यानी कि सबसे पुराना धर्म सनातन है। इससे पुराना कुछ भी नहीं। ईसा से 500 साल पहले बुद्ध, ईसाई, इस्लाम धर्म आया। इसके बाद तमाम धर्म पैदा होते रहे। हर कोई अपने-अपने धर्म को सनातन बोले। उन्होंने मदनी के बयानों का भी समर्थन किया था, जिसमें बोला था कि मुस्लिम ही सनातन है।
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