वाराणसी। भारत सरकार ने डाकघर के बचत खाताधारकों के लिए भी इलेक्ट्रॉनिक क्लीयरिंग सर्विस (ई.सी.एस) आउटवर्ड क्रेडिट की सुविधा शुरु कर दी है। इससे किसी भी डाकघर में स्थित खाते…

वाराणसी। भारत सरकार ने डाकघर के बचत खाताधारकों के लिए भी इलेक्ट्रॉनिक क्लीयरिंग सर्विस (ई.सी.एस) आउटवर्ड क्रेडिट की सुविधा शुरु कर दी है। इससे किसी भी डाकघर में स्थित खाते को बंद करने से प्राप्त भुगतान से प्राप्त राशि खाताधारक के बैंक खाते में ऑनलाइन ट्रांसफर हो सकेगी। इस सेवा का आरंभ होने से डाकघर बचत योजनाओं में जमा राशि के भुगतान के लिए अब चेक नहीं जारी किये जाएंगे। इस सेवा का लाभ लेने के लिए भुगतान प्राप्ति के समय ग्राहकों को निकासी पर्ची (विड्राल फॉर्म) के साथ कैंसल चेक अथवा बैंक पासबुक के प्रथम पृष्ठ की छायाप्रति काउंटर पर पर देना होगा। उक्त जानकारी वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने दी।

उन्होंने आगे बताया कि डाक विभाग डिजिटल बैंकिंग के लिए लगातार प्रयासरत है। साथ ही डाकघर के खाताधारको के हितों का ध्यान रखते हुए अक्सर नई सेवाओं को भारत सरकार द्वारा लागू किया जा रहा है। इसी क्रम में ई.सी.एस सेवा डिजिटल बैंकिंग की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। पोस्टमास्टर जनरल ने बताया कि वित्तीय समावेशन और अंत्योदय में डाकघरों की अहम भूमिका है।

डाक विभाग समाज के अंतिम व्यक्ति तक आधुनिक बैंकिग सेवाएँ पहुँचा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी अधिकांश लोगों के खाते डाकघरों में खुले हुए हैं। ऐसे में भारत सरकार द्वारा पोस्ट ऑफिस में भी इलेक्ट्रॉनिक क्लीयरिंग सर्विस (ई.सी.एस) आउटवर्ड क्रेडिट की सुविधा आरंभ होने से लोगों को काफी सहूलियत होगी। डाकघर लघु बचत योजनाओं जैसे आवर्ती जमा (आर.डी.), सावधि जमा(टी.डी.), मासिक जमा योजना (एम.आई.एस ) लोक भविष्य निधि (पी.पी.एफ), किसान विकास पत्र (के.वी.पी), राष्ट्रीय बचत पत्र (एन.एस.सी.) व सुकन्या समृद्धि योजना के खाताधारक अपने इन खातों को बंद करने से प्राप्त रकम को सीधे अपने बैंक खातों में ट्रांसफर करा सकेंगे।

इस सुविधा के आरंभ होने से खाताधारकों के समय की बचत होगी तथा उन्हें बैंकों में चेक जमा करने और चेक क्लीयरिंग से निज़ात मिल सकेगी। ऐसे ग्राहक जो बैंक स्थित बचत खातों से भुगतान न प्राप्त कर डाकघर से ही भुगतान प्राप्त करना चाहते हैं वह पूर्व की भाँति रकम को डाकघर स्थित अपने बचत खाते में ट्रांसफर कराकर निकासी के लिए स्वतंत्र हैं। अब केवल कतिपय विशेष परिस्थितियों में ही डाकघर अपने ग्राहकों को चेक से भुगतान करेगा।

पोस्टमास्टर जनरल ने कहा कि डाकघर बचत योजनाओं में ब्याज की दर काफी आकर्षक है। भारत सरकार ने डाक विभाग के खाताधारकों को नए वर्ष की सौगात के रूप में ब्याज वृद्धि का उपहार दिया है। अब बचत बैंक में 4.0%, आर.डी. में 5.80%, टी.डी में से 6.60 %से 7%, एम.आई.एस व पी.पी.एफ में 7.10%, सुकन्या समृद्धि योजना में 7.60%, तथा वरिष्ठ नागरिक बचत योजना में 8.0% की दर से ब्याज देय है। लघु बचत योजनाओं में जमा करके आयकर छूट का लाभ भी लिया जा सकता है।

उन्होंने बाताया कि डाकघर नवीनतम टेक्नोलॉजी को अपनाकर सेवाओं को निरंतर कस्टमर फ्रेंडली बना रहा है। अब खातों से मोबाइल नंबर लिंक कराकर ई-बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग, नेफ्ट आई.वी.आर.एस व ई-पासबुक जैसी आधुनिक डिजिटल बैंकिंग सेवाओं का लाभ लिया जा सकता है, वहीं डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डी.बी.टी.) के माध्यम से विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाओं की रकम भी प्राप्त की जा सकती है। देश के सभी डाकघरों के लिए केवल एक ही आई.एफ.एस.सी कोड IPOS0000DOP है।

Updated On 7 Jan 2023 10:52 AM GMT
Ankita Yaduvanshi

Ankita Yaduvanshi

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