वाराणसी। कचहरी बम धमाके की 15 वीं बरसी पर अधिवक्ताओं ने आतंकी घटना में मारे गए साथी अधिवक्ताओं को उनके चित्र पर पुष्प चढ़ाकर नम आँखों से श्रद्धांजलि दी। इस…

वाराणसी। कचहरी बम धमाके की 15 वीं बरसी पर अधिवक्ताओं ने आतंकी घटना में मारे गए साथी अधिवक्ताओं को उनके चित्र पर पुष्प चढ़ाकर नम आँखों से श्रद्धांजलि दी। इस दौरान कचहरी परिसर में हुए उस धमाके में मारे गए लोगों को याद करके अधिवक्ताओं की आंखें नम दिखी।

23 नवंबर 2007 को वाराणसी की कचहरी परिसर में सीरियल ब्लास्ट में तीन अधिवक्ताओं समेत 9 लोगों की जान चली गई थी और 50 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।

वाराणसी कचहरी परिसर का माहौल अन्य दिनों की भांति उस दिन भी सामान्य था। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पूर्व विधायक अजय राय अपने बड़े भाई अवधेश राय की हत्या के मामले में गवाही देने के लिए कचहरी पहुंचे थे। इसी दौरान दोपहर में लगातार दो धमाके हुए तो लोगों को लगा कि अजय राय पर हमला किया गया है। हालांकि थोड़ी ही देर में पता लगा कि कचहरी में आतंकी हमला हुआ है और 9 लोगों की जान चली गई है।

ATS ने तफ्तीश शुरू की तो सामने आया कि दीवानी कचहरी में मुख्तार उर्फ राजू और सज्जाद ने साइकिल में टिफिन बम प्लांट किया था। इसके लिए आतंकी कश्मीर से आये थे। आतंकियों को शरण देने के आरोप में जौनपुर निवासी अब्दुल खालिद गिरफ्तार किया गया था। वहीं, आजमगढ़ निवासी हकीम उर्फ तारिक उर्फ कासिम को आतंकी घटना की साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

Updated On 23 Nov 2022 2:51 AM GMT
Anurag

Anurag

Next Story