वाराणसी। ज्ञानवापी मामले में प्रतिदिन नए अपडेट सामने आ रहे हैं। ज्ञानवापी मां श्रृंगार गौरी मुकदमे की वादिनी राखी सिंह ने बीते दिनों राष्ट्रपति से इच्छा मृत्यु की अनुमति देने की मांग की थी। अब गुरुवार को दिल्ली में भदरी राज परिवार के उदय प्रताप सिंह से मुलाकात के बाद राखी सिंह ने अपना निर्णय बदल दिया है। राखी सिंह के चाचा और विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जितेंद्र सिंह विशेष ने बताया कि अब ज्ञानवापी से जुड़े मुकदमों की कमान उदय प्रताप सिंह खुद संभालेंगे। इस बात के लिए उन्होंने खुद आश्वस्त किया है। इसके अलावा देश के अन्य राज परिवार भी सनातन से जुड़े इन महत्वपूर्ण मुद्दों पर एकजुट होकर राखी सिंह के साथ खड़े रहेंगे।

गौरतलब है कि राखी सिंह ने बीते मंगलवार को एक पत्र जारी किया था। जिसमें उन्होंने अपने खिलाफ दुष्प्रचार का आरोप लगाया था। राखी के अनुसार, वे मां श्रृंगार गौरी से संबंधित मुकदमे की प्रमुख वाहिनी हैं। मई 2021 से मुकदमे से जुड़े उनके सहयोगी महिलाओं और पिता पुत्र के अलावा कुछ लोग उनके चाचा जितेंद्र सिंह विशेष और चाची किरण सिंह विशेष के खिलाफ दुष्प्रचार कर रहे हैं। इस काम में उनके साथ शासन प्रशासन के लोग भी शामिल हैं। राखी सिंह ने बताया कि मई 2022 में कुछ लोगों ने झूठा प्रचार किया था कि राखी सिंह श्रृंगार गौरी का मुकदमा वापस ले रही हैं। जबकि ऐसी कोई बात नहीं थी। इस तरह का कोई भी बयान उनके तरफ से नहीं जारी किया गया था। उन्हें और उनके परिवार को हिंदू समाज में लगातार गद्दार घोषित करने का प्रयास किया जा रहा है।

ज्ञानवापी परिसर से संबंधित मुख्य मुकदमा भगवान आदि विश्वेश्वर विराजमान सहित अन्य मुकदमों को पूरी तरह नष्ट कर दिया गया। ये ऐसे मुकदमे थे, जिनसे ज्ञानवापी परिसर हिंदुओं को प्राप्त हो सकता था। राखी सिंह ने बताया कि इन्हीं सब घटनाओं से परेशान होकर मानसिक दबाव के कारण उन्होंने राष्ट्रपति से इच्छा मृत्यु की अनुमति मांगी थी। यदि शुक्रवार तक राष्ट्रपति का आदेश नहीं प्राप्त हुआ, तो वे अपना निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र होंगी। इस संबंध में जितेंद्र सिंह ने कहा कि भदरी रियासत के प्रमुख उदय प्रताप सिंह से मुलाकात के बाद राखी सिंह अब पहले से और ज्यादा मजबूती से सनातन हिंदू धर्म की लड़ाई लड़ेंगी।

बनारसी नारद

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