केंद्रीय उच्च तिब्बती शिक्षा संस्थान के दरवाजे अब पूरे देश के छात्र-छात्राओं के लिए खुलेंगे। नए सेशन से स्किल डेवलपमेंट के शॉर्ट टर्म कोर्सेज की शुरुआत होगी। इसके साथ ही संस्कृत का प्रशिक्षण देने के लिए हिमालयन बेल्ट के लोगों के लिए ऑनलाइन कोर्स भी शुरू होंगे। शोध और प्रकाशन में विकास के लिए देश और अंतरराष्ट्रीय बौद्ध संस्थाओं के साथ सहयोग किया जाएगा।

सोमवार को केंद्रीय उच्च तिब्बती शिक्षा संस्थान के नवनियुक्त कुलपति प्रो. वांगचुक दोर्जे नेगी ने पदभार संभालने के बाद बताया कि जल्द ही नई शिक्षा नीति के मुताबिक़ पाठ्यक्रम तैयार होंगे और बाहरी छात्र-छात्राओं को जोड़ने के लिए सांध्यकालीन कक्षाएं भी चलेंगी। इसके साथ ही हिमालयन क्षेत्र के विद्यार्थियों के लिए ऑनलाइन संस्कृत प्रशिक्षण केंद्र भी शुरू होगा। छात्रों की संख्या बढ़ाने के लिए शॉर्ट टर्म कोर्स के तहत योग, विपश्यना, संस्कृत और पालि भाषा के साथ सोवा रिंग्पा, भोट ज्योतिष, तिब्बती थंका पेंटिंग और तिब्बती काष्ठकला के छह माह और एक वर्षीय डिप्लोमा के साथ ही सर्टिफिकेट कोर्स शुरू होंगे। पुस्तकालय में उपलब्ध पांडुलिपियों के डिजिटलाइजेशन की प्रक्रिया भी जल्द शुरू होगी। विश्वविद्यालय में रिक्त शैक्षणिक, गैर शैक्षणिक और शोध विभाग में रिक्त पदों को जल्द से जल्द भरा जाएगा।

फरवरी में सोवा रिंग्पा अस्पताल का लोकार्पण

कुलसचिव डॉ. सुनीता चंद्रा ने बताया कि तिब्बती हिमालयन चिकित्सा पद्धति के अस्पताल सोवा रिंग्पा का निर्माण अंतिम चरण में है और फरवरी तक शुरू करने की तैयारी है। अध्ययन और प्रशिक्षण के साथ ही 50 बेड का चिकित्सालय भी होगा। फरवरी में दीक्षांत समारोह कराने की योजना है। इसके लिए जल्द ही अधिसूचना जारी की जाएगी।

नार्थ रीजन में होगी तिब्बती संस्थान की नई ब्रांच

कुलपति ने बताया कि संस्थान को फैलाने की भी योजना है। नॉर्थ रीजन में जल्द ही नया केंद्र खोलने पर विचार किया जा रहा है और इसके लिए सरकार को भी प्रस्ताव भेजा जाएगा। हिमालयन बेल्ट से अध्ययन के लिए काशी आने वाले विद्यार्थियों को राहत हो जाएगी। बता दें कि संस्थान का अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और कोरिया के साथ स्टूडेंट एक्सचेंज प्रोग्राम चल रहा है। दिसंबर में 37 बच्चे 21 दिनों के एजुकेशनल टूर पर संस्थान आएंगे।

Rishika Kukrety

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