पुरानी संसद का आज आखिरी दिन रहा। PM मोदी समेत सभी सांसद पुरानी इमारत से नई संसद गए। सभी सांसद साथ-साथ चले। इससे पहले पुरानी इमारत के सेंट्रल हॉल में विदाई समारोह रखा गया। यह करीब दो घंटे चला। PM नरेंद्र मोदी ने 38 मिनट की स्पीच दी। कहा कि ये सदन ऑर्टिकल 370, तीन तलाक, GST जैसे बड़े फैसलों के लिए याद रखा जाएगा। उन्होंने पुरानी बिल्डिंग का नाम 'संविधान सदन' रखने का प्रस्ताव रखा।

संसद के विशेष सत्र के दौरान PM मोदी ने कहा, 'मेरी प्रार्थना और सुझाव है कि जब हम नए संसद भवन में जा रहे हैं तो इसकी (पुराना संसद भवन) गरिमा कभी भी कम नहीं होनी चाहिए। इसे सिर्फ 'पुराना संसद भवन' कहकर छोड़ दें, ऐसा नहीं होना चाहिए। अगर आप सब की सहमति हो तो इसे भविष्य में 'संविधान सदन' के नाम से जाना जाए।'

यह संसद नए रंग रूप के साथ प्रस्तुत है। सब कुछ नया है, लेकिन यहां पर कल और आज को जोड़ती हुई बहुत बड़ी विरासत का प्रतीक भी मौजूद है। वह नया नहीं है, पुराना है। वह आजादी की पहली किरण का स्वयं साक्षी रहा है, वह आज हमारे बीच उपस्थित है। यह हमारे समृद्ध इतिहास को जोड़ता है। जब हम नए संसद में प्रवेश कर रहे हैं, तब यहां आजादी की पहली किरण का साक्षी रहा पवित्र सेंगोल यहां मौजूद है।

यह वही सेंगोल है, जिसे भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित नेहरू का स्पर्श हुआ था। यह पंडित नेहरू के हाथों में पूजा विधि करके आजादी के प्रारंभ पर इसे सौंपा गया था। तमिलनाडु की महान परंपरा का यह प्रतीक तो है ही, यह देश की एकता का भी प्रतीक है। जो पवित्र सेंगोल पंडित नेहरू के हाथों में शोभा देता था, आज हम सभी की प्रेरणा का कारण बन रहा है, इससे बड़ा गर्व क्या होगा।'

संसद के विशेष सत्र के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "आज भारत पांचवी अर्थव्यवस्था पर पहुंचा है लेकिन पहले 3 के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है। मैं जिस स्थान पर हूं उस जानकारी के आधार और विश्व के गणमान्य लोगों से बातचीत करता हूं उस आधार पर कह रहा हूं कि दुनिया आश्वस्त है कि भारत टॉप 3 में पहुंचकर रहेगाृ।" उन्होंने आगे कहा, "हमें आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को सबसे पहले परीपूर्ण करना चाहिए और यह हम से, हर नगारिक से शुरूआत होती है। एक समय ऐसा था कि लोग लिखते थे कि 'मोदी आत्मनिर्भर की बात करता है, कहीं बहुपक्षीय के सामने चुनौती नहीं बन जाएगा।' हमने पांच साल में देखा कि दुनिया भारत के आत्मनिर्भर मॉडल की चर्चा करने लगी है।"

पीएम मोदी ने सेंट्रल हॉल में कहा, "ये भवन और उसमें भी ये सेंट्रल हॉल हमारी भावनाओं से भरा हुआ है, ये हमें भावुक भी करता है और हमें हमारे कर्तव्यों के लिए प्रेरित भी करता है। 1952 के बाद दुनिया के करीब 41 राष्ट्राध्यक्षों ने इस सेंट्रल हॉल में हमारे सभी माननीय सांसदों को संबोधित किया है। हमारे सभी राष्ट्रपति महोदयों के द्वारा 86 बार यहां संबोधन दिया गया है।"

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Vipin Singh

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