फिल्म अभिनेता पवन सिंह ने बुधवार को बिहार के काराकाट सीट से चुनाव लड़ने का ऐलान कर सबको चौंका दिया है। उनकी घोषणा वाकई सही होगी तो एनडीए को इसका नुकसान हो सकता है। उसके एक घटक नेशनल पीपुल्स फ्रंट के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा के माथे पर शिकन आ गई है।

आसनसोल सीट पर शत्रुघ्न सिन्हा के सामने भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने से मना करने वाले पवन का चौंकाते हुए बिहार की काराकाट सीट से चुनाव का एलान करना क्या साबित करता है? दिया। क्या सिर्फ भोजपुरी प्रशंसकों का क्षेत्र होने के कारण वे यहां से लड़ने का ऐलान करने से नहीं हिचके। इस हिसाब से तो वह अपनी पसंदीदा आरा सीट से भी चुनाव लड़ सकते थे। या, उस हिसाब से बक्सर भी खराब विकल्प नहीं होता। लेकिन, इन दो विकल्पों को नकार रोहतास जिले के काराकाट संसदीय क्षेत्र की घोषणा करना बहुत बड़ा बवाल है। इसका मतलब तो यह हुआ कि पवन ने एनडीए को परेशान करने का फैसला किया। लेकिन क्यों?

जानिए क्या संदेश है इस घोषणा का

भाजपा से जुड़े पवन सिंह बगावत कर काराकाट से उतर गए तो उसी तरह का संदेश जाएगा, जैसा 2020 के विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाईटेड के खिलाफ चिराग पासवान की पार्टी के प्रत्याशियों के उतरने पर गया था। काराकाट सीट महागठबंधन में भारतीय कॉम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी-लेनिनवादी (लिबरेशन) के खाते में है। वह पवन सिंह को टिकट दे या यह खुद जाएं- इसकी उम्मीद नहीं के बराबर है। ऐसे में काराकाट से पवन सिंह के पास निर्दलीय या बसपा जैसी पार्टियों का ही विकल्प है। निर्दलीय उतरने के बावजूद वह भोजपुरी बोली वाले वोटरों को तोड़ने में कामयाब रहेंगे, इससे इनकार नहीं किया जा सकता। इसके अलावा, जातिगत आधार पर भी पवन सिंह एनडीए का ही वोट काटेंगे। यही कारण है कि पवन सिंह की इस घोषणा से एनडीए में बेचैनी और महागठबंधन में राहत का माहौल है।

यह इलाका पहले विक्रमगंज से सटा था, जो परिसीमन में खत्म हो चुकी है। राजपूत वोटर यहां अच्छी संख्या में हैं। अगर पवन नहीं मानें तो एनडीए को नुकसान होगा। भाजपा के कुछ दिग्गजों ने इस सवाल पर नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा कि इससे गलत संदेश जाएगा, इसलिए पवन सिंह को मनाने का प्रयास किया जाएगा। अगर पवन सिंह अडिग रह गए तो कुशवाहा का असहज होना स्वाभाविक है। ऐसे में इसे पवन सिंह की मजबूरी से ज्यादा भाजपा की रणनीति कहा जाएगा, जो एनडीए के लिए मुसीबत वाला होगा।

Vipin Singh

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