भारत से दुश्मनी लेकर कनाडा को भी होगा बड़ा नुकसान, हर साल लाखों डॉलर का योगदान देते हैं भारतीय छात्र

भारत और कनाडा के बीच खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर तनाव बढ़ता जा रहा है। दोनों देशों के बीच तमाम तरह के एक्शन-रिऐक्शन का दौर भी जारी है। कनाडा में कार्रवाई से भारतीय छात्र समुदाय और उनके पैरेंट्स के बीच चिंता का दौर है। दोनों देशों के संबंधों में तनाव ने उन परिवारों को चिंता में डाल दिया है, जिनका कोई सदस्य कनाडा में पढ़ रहा है या फिर काम कर रहा है। इन परिवारों ने दोनों देशों से इस मुद्दे को मैत्रीपूर्ण ढंग से सुलझाने की मांग की है।भारत ने कनाडा के लिए अपनी वीजा सेवाएं 'अगले आदेश तक स्थगित' कर दीं है।
सबके बीच भारत के हाथ में कनाडा की वह कमजोर नब्ज है, जिस पर चोट उसके लिए बड़ी मुश्किल खड़ी कर देगी। कनाडा की यह कमजोरी है, उसकी इकॉनमी का अंतरराष्ट्रीय छात्रों पर निर्भर होना है।वहां भारतीय छात्रों की संख्या सबसे ज्यादा है जो मोटी फीस के रूप में वहां की यूनिवर्सिटीज में पढ़ाई करते हैं. एक दिन पहले भी खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत पन्नून ने एक धमकी भरा VIDEO जारी कर भारतीय-कनाडाई हिंदुओं से 'भारत वापस जाने' के लिए कहा। राजनयिक गतिरोध के साथ-साथ खालिस्तानी धमकियां कनाडा में भारतीय समुदाय के सदस्यों, भारत में उनके माता-पिता और अगले शैक्षणिक सत्र के लिए कनाडा में रहने की प्रतीक्षा कर रहे लोगों के बीच चिंता पैदा कर रही हैं।
भारत को पता है कि इस समय उसका पलड़ा काफी भारी है। अगर वह चाहे तो कनाडा की उस सबसे कमजोर नब्ज को दबा सकता है, जिससे उसे सबसे ज्यादा नुकसान पहुंच सकता है।रिपोर्ट के मुताबिक कनाडा की अर्थव्यवस्था में हर साल अंतरराष्ट्रीय छात्र 30 बिलियन डॉलर लाते हैं। इसका अन्य क्षेत्रों पर भी गहरा असर पड़ सकता है। उदाहरण के लिए आवास के क्षेत्र में, हम प्रमुख महानगरों- ग्रेटर टोरंटो एरिया (GTA), ग्रेटर वैंकूवर एरिया, कैलगरी ले लेत हैं। वहां छात्र बड़ी संख्या में मौजूद हैं। वे वहां मकान किराए पर लेने वाली आबादी का एक बड़ा हिस्सा हैं।
कनाडा सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, साल 2022 में कनाडा में 5.5 लाख अंतरराष्ट्रीय छात्रों में से 2.26 लाख छात्र भारत से थे और 3.2 लाख भारतीय छात्र वीजा पर कनाडा में रह रहे थे और उनकी अर्थव्यवस्था में मदद कर रहे थे।ध्यान देने वाली बात यह है कि अर्थव्यवस्था में उनका योगदान मिनी-नौकरियों के माध्यम से उनकी कमाई से कहीं अधिक है। छात्र न केवल 30 बिलियन डॉलर प्रति वर्ष के साथ निजी कॉलेज वहां के इकोसिस्टम को बढ़ावा देते हैं, बल्कि वे रियल एस्टेट बाजार को बनाए रखने में भी मदद करते हैं। यह कनाडा की गिग इकोनॉमी का एक अनिवार्य हिस्सा है
