उत्तर पदेश के लखनऊ से एक बड़ी खबर सामने आ रही है। जहां वकील बनकर आए एक हमलावर ने केसरबाग कोर्ट के भीतर कुख्यात अपराधी संजीव महेश्वरी उर्फ़ जीवा की गोली मारकर हत्या कर दी। संजीव मुख़्तार अंसारी का करीबी था। वह बीजेपी नेता ब्रह्मदत्त तिवारी की हत्या का मुख्य आरोपी था। जीवा को उसे पेशी के लिए बुधवार को कोर्ट लाया गया था, तभी वकील बनकर आए हमलावर ने दिनदहाड़े पुलिस कस्टडी में उसपर गोली चला दी। यूपी पुलिस की कस्टडी में गैंगस्टर अतीक अहमद की गोली मारकर हत्या के दो महीने बाद कोर्ट परिसर में यह हत्या हुई है। इस हत्याकांड के बाद एक बार फिर यूपी पुलिस सुरक्षा को लेकर सवालों के घेरों में खड़ी हो गई है। आपको बता दें कि इससे पहले भी कई ऐसे हत्याकांड हो चुके है जो पुलिस कस्टडी के दौरान हुए थे। आइए एक नजर डालते है ऐसे 5 बड़े हत्याकांड पर..

उत्तर प्रदेश में 5 साल में पुलिस कस्टडी में इतनी मौतें

सुप्रीम कोर्ट ने साल 1996 में एक केस की सुनवाई के दौरान एक आदेश में कहा था कि किसी भी इंसान की पुलिस कस्टडी में हत्या जघन्य अपराध है। इसके बाद भी आंकड़े पर नजर डालें तो साल 2017 से लेकर साल 2022 तक उत्तर प्रदेश में पुलिस कस्टडी में 41 लोगों की हत्या हो चुकी है. लोकसभा में गृह मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार साल 2017 में 10 लोगों की मौत हुई, साल 2018 में 12 लोगों की पुलिस कस्टडी के दौरान मौत हुई, साल 2019 में 3, 2020 में 8 और 2021 में 8 लोगों की पुलिस कस्टडी में मौत हुई है।

जानिए यूपी में पुलिस कस्टडी के दौरान हत्या के 5 बड़े मामले

अतीक-अशरफ हत्याकांड

बीते अप्रैल महीने में गैंगस्टर अतीक अहमद (Atiq Ahmed) और उसके भाई अशरफ अहमद की प्रयागराज (Prayagraj) में मेडिकल चेकअप के लिए ले जाते समय गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। जिस वक्त अतीक और उसके भाई अशरफ पर गोली चलाई गई उस वक्त न सिर्फ उसके आसपास पुलिस थी बल्कि मीडिया भी मौजूद थी। दोनों को पुलिस कस्टडी के दौरान गोली मारी गई थी, जिसका वीडियो भी सामने आए था।

रफीक हत्याकांड

अतीक अहमद और अशरफ की मौत ने राज्य में करीब सत्रह साल पहले हुए रफीक हत्याकांड की यादें एक बार फिर ताजा कर दी। कुख्यात डी-2 गिरोह के सरगना रफीक की भी पुलिस कस्टडी के दौरान हत्या कर दी गई थी। दरअसल रफीक को एसटीएफ के सिपाही धमेंद्र सिंह चौहान के मर्डर के मामले में कोलकाता से गिरफ्तार कर रिमांड पर शहर लाया गया था। उसके बाद कोर्ट ने उसे एके-47 की बरामदगी के लिए जूही यार्ड के पास ले जाने का आदेश दिया, उसे वहां ले जाया जा ही रहा था कि रफीक पर ताबड़तोड़ फायरिंग की गई और पुलिस कस्टडी में ही उसे मौत के नींद सुला दिया गया।

मोहित हत्याकांड

साल 2012 में सपा नेत्री की हत्या के आरोप में जेल में बंद मोहित की पुलिस कस्टडी में हत्या कर दी गई थी। यह घटना उस वक्त घटी जब मोहित को पेशी के लिए ले जाया जा रहा था। उस वक्त इस हत्या का आरोप शूटर हरेंद्र राणा और उसके साथियों पर लगाया गया था।

राजेश टोंटा हत्याकांड

मथुरा में पुलिस कस्टडी के दौरान मारे जाने की दो घटनाएं हो चुकी है। पहली घटना थी 17 जनवरी साल 2015 की। उस वक्त ब्रजेश मावी की हत्या के मामले में कुख्यात राजेश टोंटा को मथुरा जेल में बंद किया गया था। जेल में राजेश टोंटा और मावी गिरोह के बीच गैंगवार हो गया और जेल में फायरिंग हुई और बंदी अक्षय सोलंकी की मौत हो गई। वहीं इस गैंगवार में राजेश टोंटा सहित दो लोग घायल हो गए, उसी दिन रात के करीब 11:45 बजे घायल टोंटा को इलाज के लिए आगरा ले जाया जा रहा था तभी रास्ते में उसपर ताबड़तोड़ गोलियां चली।

हापुड़ हत्याकांड

साल 2022 में हापुड़ कचहरी परिसर के सामने दिन-दहाड़े बाइक सवार पांच हमलावरों ने पेशी पर न्यायालय जा रहे हिस्ट्रीशीटर की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी थी। इस दौरान हरियाणा पुलिस में हेड कांस्टेबल भी पेट में गोली लगने से घायल हो गया थे।


Updated On 7 Jun 2023 3:19 PM GMT
Ankita Yaduvanshi

Ankita Yaduvanshi

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