कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को खूब भाया भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान का अद्भुत ब्रिमाटो और पोमेटो
वाराणसी। भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान, वाराणसी में कृषि व किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने भ्रमण किया। इस दौरान उन्होंने संस्थान के विभिन्न परियोजनाओं से जुड़े चयनित गांव के…

वाराणसी। भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान, वाराणसी में कृषि व किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने भ्रमण किया। इस दौरान उन्होंने संस्थान के विभिन्न परियोजनाओं से जुड़े चयनित गांव के किसानों से बातचीत करते हुए, संस्थान से चलाई जा रही गतिविधियों की जानकारी ली। किसानों ने संस्थान के द्वारा उनके गाँवों चलाए जा रहे परियोजनाओं से मिले बीजो, प्रशिक्षण, समय-समय पर प्रक्षेत्र भ्रमण व संस्थान के वैज्ञानिकों द्वारा कृषि समस्यों का निदान की सराहना की।

साथ ही संस्थान से जुड़ने के बाद होने वाले लाभों के बारे में मंत्री को अवगत कराया। इसी क्रम में नरेंद्र तोमर ने शोध क्षेत्र का भी भ्रमण किया और गाजर, टमाटर, मिर्च, मटर, जैविक व प्राकृतिक खेती, ग्राफ्टिंग तथा निक्रा के अंतर्गत विकसित तकनीकों जैसे कि गर्मी में उगाए जाने वाले टमाटर की किस्म काशी अद्भुत ब्रिमाटो और पोमेटो की सराहना की। वहीं इसे किसानों तक जल्द से जल्द पहुंचाए जाने को भी कहा।

उन्होंने संस्थान के वैज्ञानिकों द्वारा किए गए कार्यों की भी सराहना की औऱ उनके द्वारा विकसित तकनीकों को अधिक से अधिक किसानों और जन-जन से जोड़ने के लिए भी प्रयास करने को कहा। उन्होंने एफपीओ से आए प्रतिनिधियों को संस्थान के द्वारा विकसित तकनीकों के इस्तेमाल से अपने आय में वृद्धि के अवसर को तलाशने के लिए बताया।

इसी दौरान मंत्री ने संस्थान में पौधरोपण का भी कार्य किया और मशरूम यूनिट, मधुमक्खी इकाई, प्रसंस्करण इकाई इत्यादि का भ्रमण किया। इस दौरान संस्थान के निदेशक डा. तुषार कांति बेहेरा ने अतिथि का स्वागत करते हुए भारत में सब्जी उत्पादन बढ़ाने में भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान, वाराणसी की भूमिका से अवगत कराया।

उन्होंने बताया कि विगत 20 वर्षों में संस्थान के द्वारा 100 से अधिक किस्में और सब्जी उत्पादन की तकनीकें विकसित की गई है। किसानों को प्रसंस्करण, मूल्य संवर्धन, मशरूम उत्पादन का प्रशिक्षण देकर उनकी आय में वृद्धि करने का प्रयास किया जा रहा है। फसल उन्नयन संभाग के विभागाध्यक्ष डा.पीएम सिंह ने अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन करते हुये किसानों की आवश्यकता के अनुरूप शोध करने का आश्वासन दिया
