वाराणसी। इस वर्ष रंगभरी एकादशी का उत्सव 3 मार्च को मनाया जाएगा, जिसकी तैयारियां जोरो-शोरों से चल रही है। इस दिन बाबा काशी विश्वनाथ, माता पार्वती का गौना कराने अपने…

वाराणसी। इस वर्ष रंगभरी एकादशी का उत्सव 3 मार्च को मनाया जाएगा, जिसकी तैयारियां जोरो-शोरों से चल रही है। इस दिन बाबा काशी विश्वनाथ, माता पार्वती का गौना कराने अपने ससुराल जाएंगे। 28 को महंत आवास पर माता गौरा की प्रतिमा के पूजन के बाद गौना की हल्दी होगी। गौनहारिनों की टोली मंगल गीत गाएगी।

टेढ़ीनीम स्थित महंत आवास पर एक तरफ जहां बाबा की पारंपरिक पालकी की साफ सफाई शुरू गई है वहीं राजा दरवाजा में शिव पार्वती के राजसी परिधानों को तैयार किया जा रहा है। गौना के अवसर पर बाबा विश्वनाथ की प्रतिमा को परंपरागत खादी से बनी राजसी पोशाक धारण करेंगे। राजादरवाजा में महादेव के राजसी वस्त्र नंदलाल मास्टर तैयार कर रहे हैं। यह दायित्व निभाने वाले टेलर मास्टर किशन लाल अपने परिवार की तीसरी पीढ़ी के सदस्य हैं। वहीं गौरा के लिये बरसाने एक भक्त ने घाघरा भेजा है।

बाबा के गौना के अवसर पर टेढ़ीनीम महंत-आवास पर ‘शिवांजलि’ के लोक एवं सुगम संगीत की पारिवारिक गोष्ठी का आयोजन भी किया जाएगा। इसमें शामिल होने वाले कलाकारों के नाम पर अंतिम निर्णय 1 मार्च को किया जाना है। बता दें कि, महाशिवरात्रि पर बाबा की चल प्रतिमा का शिव-पार्वती विवाह विश्वनाथ मंदिर के महंत आवास पर लोकपरंपरानुसार किया गया था।

महंत डॉ कुलपति तिवारी ने बताया। गौरा के गौना के लिए 28 फरवरी से 3 मार्च तक महंत आवास गौरा के मायके में परिवर्तित हो जाएगा।

Updated On 27 Feb 2023 8:32 AM GMT
Ankita Yaduvanshi

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