लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के हजरतगंज क्षेत्र में मंगलवार रात गिरी एक रिहायशी इमारत भरभराकर ढह गई। इस घटना में मलबे से अब तक 16 लोगों को सुरक्षित…

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के हजरतगंज क्षेत्र में मंगलवार रात गिरी एक रिहायशी इमारत भरभराकर ढह गई। इस घटना में मलबे से अब तक 16 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया है, दो लोगों की तलाश जारी है। जबकि बुधवार को दो महिला की मृत्यु हो गई। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमे लगातार राहत एवं बचाव कार्य में लगी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे की जांच के लिए एक तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। कमेटी को अपनी रिपोर्ट एक सप्ताह में देने के निर्देश दिए गए हैं।

मलवे में दबे लोगों की जानकारी के लिए आधुनिक मशीनों का प्रयोग किया जा रहा है। वहीं, पुलिस भी इस मामले में ऐक्शन में आ गई है। यूपी के डीजीपी ने इस पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली। इसके बाद उन्होंने कहा कि दोषियों को किसी भी स्थिति में बख्शा नहीं जाएगा। वहीं, इस मामले में समाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व मंत्री शाहिद मंजूर के बेटे नवाजिश मंजूर को हिरासत में ले लिया गया है। अपार्टमेंट का लैंड डीड शाहिद के बेटे नवाजिश और भतीजे तारिक के नाम पर होने की बात सामने आई है।

मेरठ जोन के एडीजी राजीव सबरवाल ने बताया कि नवाजिश को एसओजी ने हिरासत में लिया है। वहीं, सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर पूरी घटना की जांच के लिए कमिटी का गठन कर दिया गया है। सपा प्रवक्ता अब्बास हैदर की पत्नी उज्मां अब्बास को भी मलबे से निकाला गया है। उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट पर अस्पताल में रखा गया है। बेहोशी की हालत में उज्मां को सिविल अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मृत्यु हो गई। इससे पहले अब्बास की मां का भी निधन हो गया था। उन्होंने बुधवार की सुबह मलबे से निकाला गया था। इस घटना में यह दूसरी मौत है।

पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) डीएस चौहान ने बताया कि वजीर हसन रोड पर गिरी इमारत के मलबे से मंगलवार देर रात तक 12 लोगों को निकाला गया था जबकि आज सुबह दो और लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। इस दौरान गंभीर हालत में निकाली गई दो महिलाओं की मौत ह गई। उन्होंने बताया कि मलबे को हटाने में काफी एहतियात बरती जा रही है।

डीजीपी ने कहा कि एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमे लगातार राहत एवं बचाव कार्य में लगी है। मलबे में फंसी एक महिला को निकालने का प्रयास किया जा रहा है। बचाव टीम को मलबे में दो और लोगों के फंसे होने की जानकारी मिली है जिनका पता लगाने की कोशिश की जा रही है। इस मामले में दोषियों पर कार्रवाई होगी। दोषियों पर प्राथमिकी दर्ज होगी। गिरफ्तारी होगी। कोई भी आरोपी नहीं बख्शा जाएगा।

घटना के कारणों के लिए उन्होंने विशेषज्ञों की राय लिए जाने की बात कही। याजदान बिल्डर के अलाया अपार्टमेंट को लेकर जो मामला सामने आया है, वह चौंकाने वाला है। इस पांच मंजिला इमारत में महज 9-9 इंच का पिलर होने का दावा किया जा रहा है। कमजोर बुनियाद के बाद भी बेसमेंट में खुदाई किए जाने के कारण इस प्रकार क दुर्घटना की बात कही जा रही है। बैंक्वेट हॉल के निर्माण के लिए बेसमेंट खोदा जा रहा है। यजदान बिल्डर पर पहले भी आरोप लगता है।

डीएस चौहान ने कहा कि हादसे के कारणों की पड़ताल के लिए संभागीय आयुक्त रोशन जैकब, अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (एसीपी) पीयूष मोरदिया और पीडब्ल्यूडी के मुख्य अभियंता सहित तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। बचाव अभियान में एनडीआरएफ की कुल 12 और एसडीआरएफ की 12 टीमें लगी हुई हैं. इसके अलावा पीएसी की चार कंपनियां कानून व्यवस्था के लिए तैनात की गई हैं। इस बीच, उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने आज फिर सिविल अस्पताल का दौरा किया और वहां भर्ती लोगों के स्वास्थ्य की जानकारी ली। सीएम योगी आदित्यनाथ इस पूरी घटना पर नजर बनाए हुए हैं।

बता दें कि मंगलवार देर शाम वजीर हसन रोड स्थित अलाया अपार्टमेंट के ढह जाने से कई लोग मलबे में दब गए थे। शुरुआत में उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने कहा था कि मलबे से तीन शव बरामद किए गए हैं, लेकिन बाद में डीजीपी चौहान और प्रधान सचिव (गृह) संजय प्रसाद ने इस बात खंडन किया था कि हादसे में कोई जनहानि नहीं हुई है।

Updated On 25 Jan 2023 9:54 AM GMT
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