बिहार के शिक्षा मंत्री के रामचरित मानस पर दिए गए बयान को लेकर फूटा अधिवक्ताओं का गुस्सा, किया विरोध प्रदर्शन
वाराणसी। बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर द्वारा रामचरित मानस की पंक्तियों को लेकर अभद्र टिप्पणी करने के बाद पूरा देश उनका विरोध कर रहा है। वहीं वाराणसी में भी अधिवक्ताओं…

वाराणसी। बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर द्वारा रामचरित मानस की पंक्तियों को लेकर अभद्र टिप्पणी करने के बाद पूरा देश उनका विरोध कर रहा है। वहीं वाराणसी में भी अधिवक्ताओं में शिक्षा मंत्री के खिलाफ आक्रोश दिखा। सोमवार को अधिवक्ताओं ने चंद्रशेखर के पोस्टर पर कालिख पोत कर विरोध जताया और मंत्री के गिरफ्तारी की मांग की गई।

सिविल कोर्ट वाराणसी के अधिवक्ता अनिल कुमार सिंह ने बताया कि बिहार के शिक्षा मंत्री ने रामचरित मानस को लेकर जो बयान दिया है, उसके पीछे उनाक उद्देश्य समाज में गलत धारणा पैदा करना है। एक विधानसभा का सदस्य होकर इस तरीके की बात करना बेहद गलत है और गैरकानूनी भी। किसी भी धार्मिक ग्रंथ के ऊपर इस तरह की टिप्पणी करना और इस तरह का बयान देना शोभा नहीं देता है।

अधिवक्ता से श्रीपति मिश्रा ने बताया कि बिहार के शिक्षा मंत्री द्वारा रामचरितमानस को लेकर दी गई टिप्पणी बहुत ही अशोभनीय है। रामचरित मानस हिंदुओं का सबसे पवित्रधार्मिक ग्रंथ है, शिक्षा मंत्री होकर उसपर इस तरह की टिप्पणी करना गलत है। भगवान राम हनुमान जी को भरत सम भाई कहते है, तो वहीं निषाद राज को अपने बगल में स्थान देकर ह्रदय से लगाते है, जो बाते लोगों को बताी चाहिए मंत्री जो वो नहीं बताते, बल्कि ऊल-जुलल बाते जो निराधार है जिनका कोई मतलब नहीं वो बाते कर रहे है। हम अधिवक्ता मंत्री जी का विरोध करते है और गिरफ्तारी की मांग करते है।
