वाराणसी। हर साल की तरह अखिल भारतीय सुर संगम संस्थान, जयपुर की ओर से आयोजित राष्ट्रीय युवा संगीत समारोह में बनारस के रामरंग परंपरा के तीसरी पीढ़ी शिष्य ईशान घोष…

वाराणसी। हर साल की तरह अखिल भारतीय सुर संगम संस्थान, जयपुर की ओर से आयोजित राष्ट्रीय युवा संगीत समारोह में बनारस के रामरंग परंपरा के तीसरी पीढ़ी शिष्य ईशान घोष को सुरश्री सम्मान से नवाजा गया।

27 से 29 जनवरी तक चलने वाली इस प्रतियोगिता में देश भर से चयनित सैकड़ो प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया था। बनारस के लाल ईशान घोष को सुर श्री सम्मान के साथ ₹1,00,000 का नगद पुरस्कार भी दिया गया है। प्रियंका साहीवाल को सुगम संगीत में प्रथम स्थान मिला।

ईशान और प्रियंका दोनों ही रामरंग परंपरा के सुबुद्ध आचार्य पंडित राम शंकर के शिष्य हैं, जो वर्तमान में काशी हिंदू विश्वविद्यालय में आचार्य के रूप में कार्यरत हैं। इनके परंपरा के सैकड़ों शिष्यों ने विविध संगीत प्रतियोगिताओं में अपना लोहा मनवाया है।

इस प्रतियोगिता में निर्णायक के रूप में विद्यमान पार्श्व गायिका पीनाज़ मशानी और विश्व प्रसिद्ध वायलिन वादक दीपक पंडित रहें। पीनाज मसानी ने कहा कि काशी की धरती संगीत के साधकों के लिए सिद्ध तपोस्थली है।

Updated On 30 Jan 2023 9:47 AM GMT
Ankita Yaduvanshi

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