वाराणसी। महानगर बनारस में कूड़ा भी एक बड़ी समस्या है। शहर से बाहर रमना डम्पिंग यार्ड में कूड़े के निस्तारण के लिए NTPC द्वारा रमना में बड़ा प्लांट लगाया जा…

वाराणसी। महानगर बनारस में कूड़ा भी एक बड़ी समस्या है। शहर से बाहर रमना डम्पिंग यार्ड में कूड़े के निस्तारण के लिए NTPC द्वारा रमना में बड़ा प्लांट लगाया जा रहा है, जिससे जल्द ही काशी से कूड़े से कोयला निर्माण का मूल-मंत्र देश को मिलेगा। अधिकारियों को मानें तो एनटीपीसी की पहली इकाई जून में काम करना शुरू कर देगी जिसके लिए युद्ध स्तर पर कार्य किया जा रहा है। बता दें कि इसका सफल परिक्षण एनटीपीसी ने अक्टूबर 2022 में कर चुका है।

प्लांट की एक इकाई को जून तक शुरू करने की कवायद में नगर निगम जुटा है। इकाई में एनटीपीसी के मानकों के अनुरूप तकनीकी परीक्षण किया जा रहा है। तीन साल के ट्रायल पर यदि यह प्रोजेक्ट सफल रहा तो अन्य प्रदेशों में भी प्लांट लगाया जाएगा। प्लांट निर्माण आगामी 25 साल को ध्यान में रखकर किया जा रहा है। प्लांट की क्षमता आठ सौ टन से अधिक कचरा प्रसंस्करण की होगी।

एनटीपीसी के अधिकारियों के अनुसार यह पहली इकाई शुरू होते ही प्रति दिन 600 टन कचरे से 200 टन कोयले का उत्पादन हो सकेगा। कचरे से कोयला बनाने वाला यह देश का पहला प्लांट होगा। इसका निर्माण एनटीपीसी की ओर से कराया जा रहा है। प्लांट में कचरे से कोयला बनाया जाएगा। उत्पादन के बाद कोयले को आसपास के जिलों में संबंधित कंपनियों को बेचा जाएगा। वाराणसी में आम दिनों में प्रतिदिन 600 टन तथा खास मौकों पर 800 टन तक कचरा निकलता है।

अगर निगम की बड़ी ट्रकों से शहर में निकलने वाले 600 टन कूड़े को शहर से बाहर कूड़ा निस्तारण प्लांटों तक पहुंचाया जाता है। प्लांट को शुरू करने का दिसंबर 2023 तक का लक्ष्य है। नगर निगम के अधिशासी अभियंता अजय राम ने कहा कि प्लांट की एक इकाई को शुरू करने की कवायद में एनटीपीसी की टीम जुटी है।

Updated On 4 Jan 2023 10:49 PM GMT
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