वाराणसी। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने दौरे के पहले दिन गुरुवार को संकटमोचन दरबार में शीश नवाया और बजरंगबली का आशीर्वाद लिया। इसके बाद उन्होंने मंदिर के महंत प्रोफ़ेसर…

वाराणसी। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने दौरे के पहले दिन गुरुवार को संकटमोचन दरबार में शीश नवाया और बजरंगबली का आशीर्वाद लिया। इसके बाद उन्होंने मंदिर के महंत प्रोफ़ेसर विश्वम्भरनाथ मिश्रा से मुलाकात की और रामचरितमानस पर चर्चा की। इस दौरान महंत ने कहा कि रामचरितमानस सामाजिक ताने-बाने को बनाये रखने का मजबूत माध्यम है।

पूर्व मुख्यमंत्री का काफिला पहुँचने के पहले हज़ारों की संख्या में सपा कार्यकर्ता संकटमोचन मंदिर पहुंचे गए थे। मंदिर पहुंचने पर कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत गगनभेदी नारों के साथ किया। मंदिर में सपा अध्यक्ष ने महंत विश्वम्भरनाथ मिश्रा के साथ दरबार का दर्शन-पूजन किया।

अखिलेश यादव ने इसके बाद महंत विश्वम्भरनाथ मिश्रा के साथ शिष्टाचार मुलाक़ात की। इस दौरान गंगा और रामचरित मानस को लेकर गहनता से वार्ता हुई। इस दौरान महंत प्रोफेसर विश्वंभरनाथ मिश्र ने अखिलेश यादव से कहा की रामचरित मानस समुद्र है, उसको जितनी बार मथा (पढ़ा) जाए, जिस भाव में पढ़ा जाए वह उतने अर्थ लेकर आती है। दुर्भाग्य है की कुछ लोग एक दोहे/चौपाई को लेकर बखेड़ा खड़ा कर देते है, जबकि रामचरित मानस सामाजिक ताने-बाने को बनाए रखने का एक रामचरित मानस मजबूत माध्यम है।

Updated On 9 Feb 2023 7:33 PM GMT
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