वाराणसी। केंद्रीय स्वास्थ्य व परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार ने क्षेत्रीय महामारी विज्ञान प्रशिक्षण कार्यक्रम (साउथ ईस्ट एशिया रीजन) भारत सम्मेलन, 2023 का बुधवार को वाराणसी में…

वाराणसी। केंद्रीय स्वास्थ्य व परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार ने क्षेत्रीय महामारी विज्ञान प्रशिक्षण कार्यक्रम (साउथ ईस्ट एशिया रीजन) भारत सम्मेलन, 2023 का बुधवार को वाराणसी में उद्घाटन किया। उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि पिछले लगभग 9 वर्षों में दुनिया की स्वास्थ्य देखभाल की सेवाओं के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत एक प्रमुख केंद्र के रूप में उभरा है। भारी चुनौतियों के बावजूद, भारत की स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली 130 करोड़ से अधिक लोगों को प्राथमिक देखभाल से लेकर पुनर्वास तक की स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करती है।

पांच वर्षों में 175 सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेज स्थापित हुए

उन्होंने आगे कहा कि आज मेडिकल कॉलेजों कि संख्या 2014 तक 387 था जो अब 655 तक पहुँच चुकी है। यहां 69% की वृद्धि है। इसके अलावा एमबीबीएस सीटों में 95% की वृद्धि हुई है। जहाँ 2014 से पहले की 51348 सीटें थी जो अब 100163 हो गई है। इसी प्रकार पीजी सीटों में 110% की वृद्धि होते हुए 2014 से पहले की 31185 से बढ़कर अब 65335 हो गई है। केवल पिछले पांच वर्षों के दौरान कुल 175 सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेज स्थापित किए गए हैं।

आयुष्मान योजना दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना

उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत योजना दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा व आश्वासन योजना है। प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना (पीएमबीजेपी) के तहत सभी को गुणवत्तापूर्ण जेनेरिक दवाएं सस्ती कीमतों पर उपलब्ध कराई जाती हैं। कुछ अस्पतालों व संस्थानों में अफोर्डेबल मेडिसिन्स एंड रिलायबल इंप्लांट्स फॉर ट्रीटमेंट (अमृत) फार्मेसी स्टोर स्थापित किए गए हैं, जिसका उद्देश्य अधिकतम खुदरा मूल्य की तुलना में पर्याप्त छूट पर दवाएं उपलब्ध कराना है।

नेशनल हेल्थ पॉलिसी (2017) का किया जिक्र

डॉ. पवार ने इस दौरान नेशनल हेल्थ पॉलिसी (2017) का जिक्र करते हुए कहा कि ये सभी समग्र नीति एक मजबूत पब्लिक हेल्थ ईकोसिस्टम के लिए 'mission before people ' की रणनीति को "mission and people" की रणनीति में बदल देती है।

भारत ने 200 करोड़ से अधिक वैक्सीन Dose वितरित की

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत ने रिकॉर्ड समय में स्वदेशी तकनीक का उपयोग करके अपना कोविड-19 वैक्सीन विकसित किया है और नागरिकों को 200 करोड़ से अधिक वैक्सीन Dose वितरित की है। नागरिकों को 90 करोड़ से अधिक कोविड-19 test उपलब्ध कराए और लगभग 3.5 लाख नमूनों का genome sequencing किया गया है।

केंद्रीय मंत्री डॉ पवार ने कहा कि मुझे यह बताते हुए हर्ष हो रहा है हमारे इस सम्मलेन में केवल भारत सरकार के प्रतिनिधि ही नहीं है बल्कि भारत के अन्य संस्थानों के प्रतिनिधि, राज्य सरकारों के प्रतिनिधि और हमारे पड़ोसी देशों नेपाल और बांग्लादेश के प्रतिनिधि भी शामिल है। इनके अलावा हमारे बीच सार्वजनिक स्वास्थ्य चैंपियन और WHO, US CDC, TEPHINET और SAFETYNET जैसी वैश्विक एजेंसियों के विशेषज्ञ भी हैं।

बता दें कि, क्षेत्रीय महामारी विज्ञान प्रशिक्षण कार्यक्रम (साउथ ईस्ट एशिया रीजन) सम्मलेन 2023 का आयोजन वाराणसी के रुद्राक्ष सेंटर में 22 से 24 फरवरी के दौरान किया जा रहा है I यह सम्मेलन भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद- राष्ट्रीय महामारी विज्ञान संस्थान, उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य विभाग, भारत के लिए डब्लू एच ओ, कंट्री ऑफिस और यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है।

सीडी अलर्ट ऑन इबोला वायरस डिजीज का अनावरण

इस दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य व परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ. पवार ने कार्यक्रम में वन इंडिया एफ ई टी पी रोडमेप डॉक्यूमेंट एवं सीडी अलर्ट ऑन इबोला वायरस डिजीज का भी अनावरण किया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम को प्रधानमंत्री के स्किल इंडिया विजन की तर्ज पर तैयार किया गया है। यह प्रशिक्षण दो साल के लिए है।

कार्यक्रम में नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वी के पॉल, स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय में विशेष सचिव एस गोपालकृष्णन, उत्तर प्रदेश सरकार में प्रधान सचिव (स्वास्थ्य) पार्थ सारथी शर्मा, स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक एवं निदेशक राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र डॉ. अतुल गोयल उपस्थित रहे। सम्मेलन में राज्य के अधिकांश स्वास्थ्य विभागों, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और क्षेत्रीय महामारी विज्ञान प्रशिक्षण कार्यक्रम के 300 से अधिक प्रतिनिधि शामिल होंगे।

Updated On 22 Feb 2023 7:30 AM GMT
Ankita Yaduvanshi

Ankita Yaduvanshi

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