धर्मशाला, 15 मार्च (हि.स.)। तिब्ब्ती धर्मगुरू एवं नोबेल पुरस्कार विजेता दलाई लामा ने कहा कि तिब्बत के अंदर चल रहे संकट के बीच, तिब्बती संस्कृति और धर्म को बनाए रखने और उसकी रक्षा करने की मेरी एक बड़ी जिम्मेदारी है। यह जानकर मुझे कुछ हद तक संतुष्टि मिलती है कि मैं तिब्बती मुद्दे और लोगों की पर्याप्त सेवा करने में सक्षम हूं। मैं अपनी सेवा जारी रखने के लिए अगले 10 वर्षों तक जीवित रहने की कामना करता हूं। दलाई लामा ने यह बात केंद्रीय तिब्बती प्रशासन सीटीए के नेतृत्व में तिब्बती लोगों द्वारा बुधवार को मैकलोड़गंज स्थित मुख्य बौद्ध मठ चुगलाखंग में उनकी लंबी उम्र के लिए आयोजित प्रार्थना सभा को लेकर धन्यवाद टिप्पणी में कही।

परम पावन ने बुद्ध धर्म को बढ़ावा देने और तिब्बती लोगों की सामूहिक आकांक्षाओं को पूरा करने की सेवा में अपनी क्षमता और दृढ़ संकल्प को दोहराते हुए सभा को अपने अच्छे स्वास्थ्य का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि मैं मानवता की सेवा करने के लिए सौ से अधिक वर्षों तक जीने के लिए दृढ़ संकल्पित हूं तथा इसी तरह, आप सभी को सामूहिक रूप से प्रार्थना करनी चाहिए।

उधर दलाई लामा द्वारा इस तरह की बार-बार की गई घोषणा दुनिया भर में उनके सभी भक्तों और शुभचिंतकों, विशेष रूप से तिब्बती लोगों के लिए नई आशा और शक्ति देती है, जिनकी अपने आध्यात्मिक नेता में आशा और विश्वास अटल और मजबूत है।

इस प्रार्थना सभा में तिब्बती लोकतंत्र के तीन स्तंभों कलोनों, सांसदों, वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ सीटीए के स्वतंत्र कार्यालयों के प्रमुखों ने भाग लिया। परम पावन के जीवन के इस 87वें वर्ष की सभी बाधाओं की शांति के लिए और उनकी उदार इच्छाओं की पूर्ति के लिए तेनशुग अर्पण भी किया जा रहा है।

हिन्दुस्थान समाचार/सतेंद्र/सुनील

Updated On 22 March 2023 12:14 PM GMT
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