वाशिंगटन, 15 मार्च (हि.स.)। रूसी जेट विमानों के काला सागर में अमेरिकी ड्रोन को गिराए जाने के बाद दोनों देशों के बीच तल्खी और बढ़ गई है। रूस ने अमेरिका को उसके हवाई क्षेत्र से दूर रहने की चेतावनी दी है। दोनों महाशक्तियों के बीच रूस-युक्रेन युद्ध के बाद पहला सीधा टकराव है।

वाशिंगटन और मॉस्को दोनों इस घटना के लिए एक-दूसरे पर दोषारोपण कर रहे हैं। जहां ड्रोन गिराया गया है, अमेरिका उसे अंतरराष्ट्रीय हवाई क्षेत्र बता रहा है, जबकि रूस दावा कर रहा है कि उसने यह क्षेत्र यूक्रेन से जीता है। रूस यह भी कह रहा है कि इस अमेरिकी ड्रोन की मौजूदगी इस बात का सुबूत है कि अमेरिका यूक्रेन युद्ध में सीधे दखल दे रहा है।

बताया जा रहा है कि रूस समुद्र से ड्रोन का मलबे को हासिल करने की कोशिश करेगा, वहीं अमेरिका ने कहा कि इसे सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए गए हैं कि रूस मलबे से खुफिया जानकारी प्राप्त नहीं कर सके। उधर यूक्रेन ने इस घटना पर प्रतिक्रिया दी है कि रूस दुनिया के बाकी हिस्सों भी युद्ध भडक़ाना चाहता है, क्योंकि यह यूक्रेन में रणनीतिक हार का सामना कर रहा है।

इस बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा कि उनके देश की सेनाएं बखमुत शहर से पीछे नहीं हटेंगी। पिछले माह ऐसा लग रहा था कि यूक्रेन की सेना बखमुत शहर से पीछे हट सकती है, लेकिन अब यहां सैनिकों की संख्या दोगुनी कर दी गई है। अपने संबोधन में जेलेंस्की ने कहा कि उनके इस कदम को सेना का समर्थन प्राप्त है।

कई पश्चिमी और यूक्रेनी सैन्य विशेषज्ञ इस रणनीति पर सवाल उठा रहे हैं। इस समय दोनों ही देश अपने-अपने इलाकों में बने हुए हैं और कोई भी पक्ष आगे नहीं बढ़ पा रहा है। 2022 में काफी इलाके रूस से वापस जीतने के बाद युक्रेन अब रक्षात्मक युद्ध लड़ रहा है।

हिन्दुस्थान समाचार/ अजीत तिवारी

Updated On 22 March 2023 12:14 PM GMT
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