वाराणसी। सरकार से विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति की वार्ता विफल हो जाने के बाद से प्रदेश के विद्युत कर्मियों ने अनिश्चितकालीन पूर्ण कार्य बहिष्कार कर दिया है। जिसके बाद…

वाराणसी। सरकार से विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति की वार्ता विफल हो जाने के बाद से प्रदेश के विद्युत कर्मियों ने अनिश्चितकालीन पूर्ण कार्य बहिष्कार कर दिया है। जिसके बाद आज ऐ पूर्वांचल सहित अन्य जिलों के बिजलीकर्मी हड़ताल पर चलें गए है। इसके साथ ही शाम 5 बजे प्रदेश के सभी जिलों में मशाल जुलूस निकाला जाएगा

विगत दिनों अपने 13 सूत्रीय मांगों को लेकर बिजलीकर्मियों की संघर्ष समिति वाराणसी के पदाधिकारियों ने राज्यमंत्री दयाशंकर मिश्र दयालु के साथ ही कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर को ज्ञापन सौंपा था।

फिहाल ग्रिड आदि में किसी प्रकार का व्यवधान न हो इसके दृष्टिगत उत्पादन गृहों, 132 केवी, 220 केवी, 400 केवी, 765 केवी ट्रांसमिशन उपकेंद्रों, एसएलडीसी तथा 33 केवी विद्युत उपकेंद्रों की पाली में कार्यरत कर्मचारी व अभियंता कार्य बहिष्कार में पहले चरण में शामिल नहीं होंगे।

सरकार से विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के मुख्य मांग

  1. (अ) यूपी ऊर्जा निगमों में शीर्ष ऊर्जा प्रबन्धन की स्वेच्छाचारिता विभाग के सेवा नियमों व श्रम अधिनियमों एवं मानवाधिकारों के कानूनों के इतर कार्मिकों से कार्य लिये जाने, अव्यवहारिक लक्ष्यों के आधार पर समीक्षा कर बड़े पैमाने पर मनमाने ढंग से उत्पीड़न कर ऊर्जा निगमों में शिखर प्रबन्धन द्वारा तानाशाही रवैया अपनाकर औद्योगिक शान्ति को भंग करने के अलोकतांत्रिक प्रयास पर तत्काल रोक लगाई जाये।

(ब) ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबन्धन के नकारात्मक कार्य प्रणाली से उम्र के ऊर्जा निगमों के विभिन्न डिस्कॉमों की रेटिंग में आई भारी गिरावट के विरुद्ध ऊर्जा निगम शीर्ष प्रबन्धन के खिलाफ तत्काल प्रभावी कार्यवाही की जाये एवं उ0प्र0 सरकार की भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेन्स नीति को धता बताकर ऊर्जा निगमों में शीर्ष प्रबन्धन स्तर पर व्याप्त भ्रष्टाचार एवं फिजूल खर्ची को रोकने हेतु लगभग 25000 करोड़ रुपये के मीटरों की खरीद के आदेश रद्द किये जायें व इस धनराशि का सदुपयोग उपभोक्ताओं को बेहतर सेवा देने हेतु आवश्यक सामग्री खरीदने हेतु किया जाये।

  1. सभी बिजली कर्मचारियों एवं अभियन्ताओं को पूर्व की भांति 09 वर्ष, कुल 14 वर्ष एवं कुल

19 वर्ष की सेवा के उपरान्त पदोन्नत पद के समयबद्ध वेतनमान प्रदान किये जायें।

  1. उ0प्र0 सरकार के मेमोरेण्डम ऑफ आर्टिकल के संघोषित आदेश दिनांक 24.05.2007 के

आर्टिकल 32 (प) के अनुसार ऊर्जा निगमों में चेयरमैन, प्रबन्ध निदेशकों एवं निदेशकों के

पदों पर नियमानुसार निर्धारित चयन प्रक्रिया व्यवस्था को लागू किया जाये। 4. सभी बिजली कर्मियों / सेवा निवृत्त कर्मियों को कैशलेस इलाज की सुविधा प्रदान की जाये। 5. हाल ही में जारी किये गये ट्रांसफार्मर वर्कशॉप के निजीकरण के आदेश वापस लिये जाये

तथा 220 केवी / 400 केवी0/765 केवी विद्युत उपकेन्द्रों को आउटसोर्सिग के माध्यम से परिचालन एवं अनुरक्षण कराने के आदेश निरस्त किये जायें। प्रदेश में पारेषण लाइनों एवं उपकेन्द्रों के निर्माण परिचालन एवं अनुरक्षण के निजीकरण के सभी आदेश निरस्त किये जायें। आगरा फ्रेन्चादनी व बेटर नोएडा का निजीकरण निरस्त किया जाये। 6. वर्ष 2000 के बाद ऊर्जा निगमों की सेवा में आये समस्त कार्मिकों के लिए पुरानी पेंशन व्यवस्था

बहाल की जाये । 7. ऊर्जा निगमों के समस्त कार्मिकों की सुरक्षा हेतु पावर सेक्टर इम्प्लॉइज प्रोटेक्शन एक्ट लागू किया

जाये। 8. केरल में केएसईबी लि. और हिमाचल प्रदेश में एचपीएसईबी लि. की तरह उप्र के समस्त ऊर्जा निगमों का एकीकरण कर यूपी एसईबी लि. का गठन किया जाये।

  1. केन्द्र के सार्वजनिक उपक्रमों की भांति उ0प्र0 के ऊर्जा निगमों में समस्त अतों का पुनरीक्षण किया जाये। उत्पादन निगम में अप्रैल 2020 से लम्बित उत्पादन प्रोत्साहन भत्ता तत्काल निर्गत किया जाये। 10. उग्रपाट्राकालि एवं उपराविउनिलि में लागू ईआरपी व्यवस्था में प्रत्येक सेक्शन होल्डर्स को टीप आईडी उपलब्ध कराये जायें।
  2. इलेक्ट्रीसिटी रिफार्म एक्ट 1999, ट्रांसफर स्कीम 2000 एवं 25 जनवरी 2000 को उ0प्र0 सरकार एवं विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के मध्य हुए समझौते के अनुसार बिजली कर्मियों को मिल रही रिवायती बिजली की सुविधा (एलएमवी 10) पूर्ववत जारी रखी जाये।
  3. समस्त बिजली कर्मियों / संविदा कर्मियों को पिछले कई वर्षों से लम्बित बोनस का भुगतान किया जाये। 13. तेलंगाना, पंजाब, दिल्ली व उड़ीसा सरकार के आदेश की भांति ऊर्जा निगमों के समस्त संविदा कर्मियों को नियमित किया जाये। वाह्य सेवा प्रदाता द्वारा संविदा कर्मियों के ई०पी०ए० भुगतान में किये गये घोटाले की उच्च स्तरीय जांच की जाये एवं घोटाले की धनराशि ता सेवा प्रदाता से वसूल की जाये। 14. सभी श्रेणी के बिजली कर्मचारियों, अवर अभियन्ताओं एवं अभियन्ताओं की वेतन विसंगतियां दूर की जायें।
  4. पूर्व में अक्टूबर 2020 में उप्र सरकार की मंत्रिमण्डल उपसमिति द्वारा विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के साथ एवं दिनांक 02 अप्रैल 2022 को मा. ऊर्जा मंत्री जी की उपस्थिति में सम्पन्न समझौतों का पालन कर आन्दोलन के दौरान विभिन्न सेवा संघ के पदाधिकारियों एवं विद्युत कार्मिकों के विरूद्ध की गयी एफआईआर को तत्काल निरस्त कराया जाये।
Updated On 29 Nov 2022 3:56 AM GMT
Anurag

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