वाराणसी। पिछले दस महीनों से रूस यूक्रेन (Russia-Ukraine War) के बीच महायुद्ध जारी है। दोनों देश एक दूसरे के कट्टर दुश्मनों बने बैठे है, इनके बीच आपस में काफी तनावपूर्ण…

वाराणसी। पिछले दस महीनों से रूस यूक्रेन (Russia-Ukraine War) के बीच महायुद्ध जारी है। दोनों देश एक दूसरे के कट्टर दुश्मनों बने बैठे है, इनके बीच आपस में काफी तनावपूर्ण मौहाल बना हुआ है, जिसका असर वाराणसी में भी देखने को मिला। यहां से एक ऐसी दुखद तस्वीर सामने आई, जिसने दो दोस्तों के बीच की गहरी दोस्ती और इंसानियत दोनों को सूली पर चढ़ा दिया। अब आप सोच रहे होंगे की भला वाराणसी का इस युद्ध से क्या कनेक्शन, तो आइए बताते है विस्तार से…

बता दें कि बीते 26 दिसंबर को वाराणसी के एक गेस्ट हाउस से नारदघाट स्थित एक गेस्ट हाउस एक यूक्रेन नागरिक के आत्महत्या का ममाला सामने आया था, जिसने खुद को होटल के कमरे में फांसी लगा ली थी। बताया जा रहा है कि जनवरी में उसका वीजा खत्म होने वाला था, ऐसे में उसे यूक्रेन वापस जाना पड़ता, लेकिन उसके पहले ही उसने आत्महत्या कर ली। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम करवाया और साथ ही शव के दाह संस्कार के लिए दूतावास से सम्पर्क किया।

यूक्रेनी दूतावास ने कही ये बात

वाराणसी पुलिस अधिकारियों के अनुसार यूक्रेनी नागरिक वाराणसी के संपूर्णानंद संस्कृत यूनिवर्सिटी से शास्त्री की पढ़ाई करता था, जिसके साथ एक और यूक्रेनी युवती याना और रूस की महिला पढ़ाई कर रही थीं। पुलिस ने दूतवास से दाह संस्कार के लिए कोस्टेंटिन का शव उसके रूसी महिला मित्र को देने की बात कही लेकिन उन्होंने ये कहते हुए इंकार कर दिया कि रूस से उनके संबंध ठीक नही हैं, इसलिए रूसी महिला को शव न देकर यूक्रेन की युवती याना को दिया जाए और अंतिम संस्कार करवाया जाए।

जानें कौन है यूक्रेनी युवती याना?

मिली जानकारी के अनुसार याना यूक्रेन की नागरिक हैं. जो पिछले 2 सालों से वाराणसी के संस्कृत यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रही हैं और यहीं लहुराबीर स्थित एक किराए के मकान में रहती हैं। वहीं पुलिस ने यूक्रेन के दूतावास के निर्देश के बाद याना से कॅान्टेक्ट किया, जो शव को लेने के लिए तैयार हो गईं। सारे कागजी कार्रवाई पूरी होने के बाद शव का वाराणसी में ही यूक्रेनी युवती याना अंतिम संस्कार करेगी।

ये पूरी कहानी यही बयां करती है कि दो देशों के बीच की लड़ाई में दोस्ती और इंसानियत दोनों का कत्ल कर दिया गया। जो दोस्त साथ पढ़ा करते थे, जिनकी दोस्ती इस युद्ध से कहीं ऊपर थी, उसका गला घोट दिया गया।

Updated On 29 Dec 2022 6:37 AM GMT
Ankita Yaduvanshi

Ankita Yaduvanshi

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