शारदीय नवरात्रि के सातवें दिन है देवी कालरात्रि के दर्शन का विधान, काशी में यहां विराजती है मां
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वाराणसी। आज शारदीय नवरात्रि का सातवां दिन है। आज सप्तमी तिथि पर देवी दुर्गा के सातवें स्वरूप कालरात्रि देवी के दर्शन पूजन का विधान है। इन्हें देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों में सातवां रुप माना गया है। काशी में देवी कालरात्रि का मंदिर श्री काशी विश्वनाथ मंदिर परिक्षेत्र के कालिका गली में स्थित है।
माता के दर्शन के लिए देर रात से भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है। भक्त माता को नारियल, चुनरी, भोग, प्रसाद, और श्रृंगार का सामान अर्पित करके शीश नवा रहे है।
आदिशक्ति का यह रूप शत्रु और दुष्टों का संहार करने वाला है। माता कालरात्रि का स्वरूप बहुत ही विकराल और रौद्र है। पुराणों के अनुसार माता के स्वरूप को चंड-मुंड और रक्तबीज सहित अनेकों राक्षसों का वध करने के लिए उत्पन्न किया गया था। देवी को कालरात्रि और काली के साथ चामुंडा के नाम से भी जाना जाता है। चंड-मुंड के संघार की वजह से मां के इस रूप को चामुंडा भी कहा जाता है।
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