चार जुलाई से शुरू होगा सावन, शिव की पूजा से सावन में मिलेगा विशेष फल

वाराणसी। इस बार मनभावन सावन मास की शुरुआत चार जुलाई मंगलवार से हो रही है। सावन मास का समापन 31 अगस्त गुरुवार को होगा। सावन मास में भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने से सभी देवताओं की पूजा का फल मिल जाता है। सावन मास में भगवान शिव की पूजा, कथा व शिवपुराण का श्रवण करने विशेष फलदायी माना गया है। सावन मास में जीवन चर्या को नियमित व संयमित रखते हुए पूजा अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती है। इस मास में रुद्राभिषेक के साथ ही रुद्राक्ष की माला धारण करनी चाहिए।
प्रसिद्ध ज्योतिषविद् पं. विमल जैन के अनुसार इस बार अधिक मास की वजह से दो सावन पड़ेंगे। शुद्ध सावन मास 4 जुलाई मंगलवार से 17 जुलाई सोमवार तत्पश्चात 17 अगस्त गुरुवार से 31 अगस्त गुरुवार तक शुद्ध सावन मास रहेगा। जबकि 18 जुलाई मंगलवार से 16 अगस्त बुधवार तक अधिकमास रहेगा। शुद्ध सावन मास में 10 जुलाई, 17 जुलाई व 21 अगस्त व 28 अगस्त को सावन का चार सोमवार पड़ेंगे। जबकि अधिकमास में 24 जुलाई, 31 जुलाई, 7 अगस्त व 14 अगस्त को चार सोमवार पड़ेंगे। इस प्रकार अधिकमास को मिला कुल 8 सोमवार पड़ेंगे। जिसमें शिव भक्त भगवान शिव का दर्शन-पूजन कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करेंगे।
अधिकमास में शिव की पूजा अर्चना करना विशेष फलदायी
वैसे तो 12 महीने में सावन मास का विशेष महत्व है। इस बार अधिकमास पड़ने से शिवजी की पूजा अर्चना करना विशेष फलदायी हो गई है। शिव भक्त अपनी मनोकामना के लिए कई व्रत भी रखते हैं। इनमें मंगलवार को मंगलागौरी व्रत, बुधवार को बुध व्रत, वृहस्पतिवार को वृहस्पति व्रत, शुक्रवार को जीविन्तिका व्रत, शनिवार को शनि व्रत, शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को औदुम्बा व्रत, तृतीया तिथि को गौरी व्रत, चतुर्थी तिथि को वैनायिकी गणेश चतुर्थी व्रत, सप्तमी तिथि को शीतला व्रत, दशमी को आशयभवानी व्रत, द्वादशी तिथि को श्रीधर व्रत किया जाता है। सावन मास की अंतिम तिथि 31 अगस्त को रक्षाबंधन का पर्व मनाया जायेगा।
सावन मास में पड़ने वाले व्रत व त्यौहार
कामदा एकादशी 13 जुलाई गुरुवार, शनि प्रदोष 15 जुलाई शनिवार, सोमवती अमावस्या 17 जुलाई, वैनायिकी गणेश चतुर्थी 21 जुलाई, कमला एकादशी 29 जुलाई, प्रदोष व्रत 30 जुलाई, संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत 4 अगस्त शुक्रवार, कमला एकादशी 12 अगस्त शनिवार, मास शिवरात्रि 14 अगस्त सोमवार, स्नान दान व श्राद्ध की अमावस्या 16 अगस्त बुधवार, वैनायिकी गणेश चतुर्थी 20 अगस्त रविवार, नागपंचमी 21 अगस्त सोमवार, पुत्रदा एकादशी 27 अगस्त रविवार, सोम प्रदोष व्रत 28 अगस्त सोमवार, रक्षाबंधन 31 अगस्त गुरुवार।
खस्ताहाल सड़कों के चलते शिवभक्तों की होगी फजीहत
वैसे तो जी-20 की वजह से काशी विश्वनाथ मंदिर और शहर की सड़कों को दुरुस्त करा दिया गया है। लेकिन अभी भी कई जगहों की सड़कें क्षतिग्रस्त हैं। ऐसे में सावन मास में शिवभक्तों की भारी फजीहत होगी। चेतगंज से नईसड़क व गोदौलिया मार्ग पर जगह-जगह सड़कें आज भी क्षतिग्रस्त हैं। इस बार भी बाबा विश्वनाथ सहित प्रमुख शिव मंदिरों में जलाभिषेक करने बड़ी संख्या में शिवभक्त आएंगे। बाबा दर्शन से पहले क्षतिग्रस्त सड़कें भक्तों की परीक्षा लेंगी। नंगे पांव कांवर लेकर आने वाले श्रद्धालुओं को ज्यादा परेशानी होगी। समय रहते इस तरफ ध्यान दिया जाए तो दो माह तक चलने वाले सावन में भक्तों को काफी राहत होगी। ऊपर से सीवर के काम और अतिक्रमण से राहगीरों को परेशानी हो रही है। जबकि इसी मार्ग से सावन में शिवभक्त जलाभिषेक करने जाते हैं। प्रयागराज से कैंट की तरफ आने वाले रास्ते की भी स्थिति है। यहां सिक्सलेन का काम चला रहा है। कई जगहों पर गड्ढों से लोगों को परेशानी हो रही है। चांदपुर से मंडुवाडीह, नगवां रोड, रविंद्रपुरी मार्ग पर भी सड़क पर गड्ढे दिख रहे हैं। उधर, लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता केके सिंह की मानें तो सड़कों का निर्माणकार्य जारी है। सावन मास से पहले ही सड़कों की पैचिंग करा कर उसे सही कर दिया जायेगा।
