पिछले कुछ वर्षों से व्रत, तीज व त्योहारों की तिथियों पर बन रही असमंजस की स्थिति जल्द ही दूर होगी, क्योंकि अब एक देश-एक संविधान की तर्ज पर एक देश-एक पंचांग बनाया जाएगा। यह अनोखी पहल श्री काशी विश्वनाथ मंदिर से शुरु हुई है। काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के अध्यक्ष प्रो. नागेंद्र पांडेय ने पंचांगों में एकरूपता के लिए नई स्मृति निर्माण कराने का फैसला लिया है। प्रयागराज महाकुंभ में यह नई स्मृति लोकार्पित होगी।

प्रो. पांडेय ने इसके लिए काशी के विद्वानों का आह्वान किया है। नवंबर में स्मृति निर्माण समिति की पहली बैठक होगी। इसमें धर्मशास्त्र, ज्योतिषविदों के अलावा पंचांगकारों को भी शामिल किया जाएगा। बीएचयू के ज्योतिष विभाग और वैदिक विज्ञान केंद्र में ही स्मृति निर्माण के लिए विद्वानों की बैठक भी प्रस्तावित की जाएगी।

प्रो. पांडेय ने बताया कि प्राचीन धर्मग्रंथों, स्मृति और पुराणों को आधार बनाकर, उसकी जांच पड़ताल करके सभी एक मन बनाकर नई स्मृति के निर्माण का श्रीगणेश करेंगे। तर्कसंगत मत और परंपराओं को ही इसमें स्थान दिया जाएगा। नई स्मृति को आधार बनाकर जब पंचांग का निर्माण होगा तो कश्मीर से केरल तक तिथि, त्योहार और व्रत में भ्रम की स्थिति नहीं होगी। इसमें पूरब से पश्चिम, उत्तर से दक्षिण तक की परंपराओं और धर्मशास्त्रों का समावेश होगा।

Ankita Yaduvanshi

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