शारदीय नवरात्रि के छठवें दिन है देवी कात्यानी के दर्शन का विधान, काशी में यहां विराजति है मां
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वाराणसी। आज शारदीय नवरात्रि का छठवां दिन है। आज षष्ठी तिथि पर देवी दुर्गा के छठवें स्वरूप कात्यानी देवी के दर्शन पूजन का विधान है। इन्हें देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों में छठवां रुप माना गया है। काशी में देवी कात्यानी का का मंदिर संकठा घाट पर स्थित है।
माता के दर्शन के लिए देर रात से भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है। भक्त माता को नारियल, चुनरी, भोग, प्रसाद, और श्रृंगार का सामान अर्पित करके शीश नवा रहे है।
देवी दुर्गा के छठे स्वरूप का दर्शन साधकों को सद्गति प्रदान करने वाला कहा गया है। शारदीय नवरात्र में षष्ठी तिथि पर देवी के दर्शन पूजन का विशेष महात्म्य देवी पुराण और स्कंदपुराण में बताया गया है। स्कंद पुराण में कहा गया है कि भगवती के इस स्वरूप की महिमा का वर्णन शब्दों में नहीं हो सकता। कात्य गोत्र के महर्षि कात्यायन ने कठिन तपस्या करके भगवती परांबा से अपनी पुत्री के रूप में जन्म लेने का वरदान मांगा था। उनकी पुत्री रूप में जन्म लेने के कारण देवी का नाम कात्यायनी पड़ा।
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