सनातन धर्म में गीता जयंती को बहुत महत्वपूर्ण और खास दिन माना गया है। इसी दिन हिंदुओं के पवित्र ग्रंथ भगवद गीता का उपदेश दिया गया था। गीता जयंती वह दिन है, जब भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को गीता का ज्ञान समझाया था। यह मार्गशीर्ष माह में शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है। इसके अलावा इस दिन मोक्षदा एकादशी भी मनाई जाती है। इस साल यह 22 दिसंबर को मनाया जाएगा।

गीता जयंती के दिन लोग भगवान कृष्ण की आराधना करते हैं। साथ ही इस शुभ दिन पर भक्त भगवत गीता का पाठ भी करते हैं। गीता में लगभग 700 श्लोक हैं, जो मनुष्यों को जीवन के कई महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में विस्तार ज्ञान प्रदान करते हैं।

जो साधक अपनी आध्यात्मिक उन्नति करना चाहते हैं, उनके लिए गीता से अच्छा कोई पाठ हो ही नहीं सकता है। इसके अलावा लोग इस दिन पूजा का आयोजन करते हैं। ऐसा कहा जाता है, जो जातक इस दिन गीता का पाठ करते हैं, उनके जीवन में सकारात्मकता का संचार होता ।

गीता जयंती पर हिंदू धर्म के महाग्रंथ गीता, भगवान श्रीकृष्ण और वेद व्यास जी की पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि दुनिया में किसी भी पवित्र ग्रंथ का जन्मदिन नहीं मनाया जाता है। लेकिन, ‘श्रीमद्भागवत गीता’ दुनिया का इकलौता ऐसा ग्रंथ है, जिसकी जयंती मनाई जाती है। इसके पीछे का मुख्य कारण यह है कि इस दिन भगवान कृष्ण ने अर्जुन को उपदेश दिया था उस दिन मार्गशीर्ष मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि थी। इसलिए इस दिन को गीता जयंती के रूप में मनाया जाता है।

इस दिन कुरुक्षेत्र में महाभारत का युद्ध गया था। जिसमें लाखों लोग मृत्यु को प्राप्त हो गए थे।इस दिन उपवास रखने से व्यक्ति का मन पवित्र होता है और शरीर स्वस्थ होता है।साथ ही, व्यक्ति को पापों से छुटकारा मिलता है। साथ ही जीवन में सुख शांति का अनुभव करता है।इस दिन गीता का पाठ करने से उसके उपदेश पढ़ने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है।इसके अलावा, इस दिन पितरों के नाम से तर्पण करने से आपके पितरों को भी मोक्ष की प्राप्ति होती है।अन्य ग्रंथ इंसानों द्वारा संकलित किए गए हैं। लेकिन, गीता का जन्म स्वयं भगवान श्री कृष्ण के मुख से हुआ है।गीता में लिखा हुआ एक-एक श्लोक भगवान श्रीकृष्ण के मुख से निकला है और इसलिए ‘गीता जयंती’ मनाई जाती है।

Vipin Singh

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