वाराणसी। भक्त और भगवान के बीच बस हृदय और आस्था का जुड़ाव होता है। भक्त और भगवान दोनों एक दूसरे के मन की बात जानते हैं। ऐसा ही कुछ काशी में देखने को मिल रहा है।

एक ओर जहां वाराणसी समेत समूचे उत्तर प्रदेश में प्रचंड गर्मी पड़ रही है। बाहर तो छोड़िए, लोग घरों में भी तपन से जूझ रहे हैं। 44 डिग्री का तापमान अब लोगों की सहनशक्ति से बाहर होता जा रहा है। भगवान के अनन्य भक्तों के मन में यही पीड़ा उठ रही है कि उनके आराध्य भगवान को भी गर्मी के कारण पीड़ा हो रही होगी। ऐसे में काशी के मंदिरों में भी भगवान के लिए एसी और कूलर लगवाया गया है। केवल इतना ही नहीं, भगवान को तपती गर्मी से बचाने के लिए सूती कपड़े भी पहनाए गए हैं। यह देखकर थोडा अजीब लग रहा होगा। लेकिन भक्त और भगवान के बीच का रिश्ता ही कुछ ऐसा है।

वाराणसी में इन दिनों भीषण गर्मी से पब्लिक समेत, पशु-पक्षी सभी परेशान हैं। तपती गर्मी ने सभी का हाल बेहाल कर रखा है। 440 सेल्सियस तापमान में सडकों पर सन्नाटा पसरा हुआ है। अत्यधिक आवश्यकता पड़ने पर ही लोग अपने घरों से बाहर निकल रहे हैं। सुबह और शाम में सड़कों पर काफी भीड़ हो जा रही है। लोग कम तपन में ही अपने काम निपटाने में लगे हुए हैं।


तापमान बढ़ने के साथ ही गर्मी से निजात पाने के लिए लोग एसी, कूलर आदि का प्रयोग कर रहे हैं। ऐसे में काशी में भी हिन्दुओं के आराध्य देवी-देवताओं को भीषण गर्मी से बचाने के लिए एसी, कूलर और पंखे लगाए गये हैं। काशी के कई मंदिरों में भक्तों के ओर से यह व्यवस्था की गई है।



मंदिरों में भगवान के लिए लगाए गये एसी और कूलर को लेकर भक्तों का कहना है कि उनके आराध्य भगवान हमेशा उनके मनोभाव में रहते हैं। जब उन्हें सुख और दुःख की अनुभूति होती है, तो उनके आराध्य उनके साथ होते हैं। ऐसे में हमलोग कूलर और एसी में अपना गुजारा कर लेते हैं लकिन भगवन गर्मी में तपते रहते हैं। हालांकि यह नया नहीं है कि भक्तों ने भगवान के लिए कूलर अथवा एसी की व्यवस्था की है। सर्दी के दिनों में भी भक्त भगवान को ऊनी वस्त्र वगैरह पहनाते हैं।



एक मंदिर के पुजारी कहते हैं, ‘जाकी रही भावना जैसी, प्रभु मूरति देखि तिन तैसी’। अर्थात् जिस प्रकार से आपकी भगवान के प्रति आस्था रहती है, वैसे ही भगवान आपको दिखाई पड़ते हैं। ऐसे में भीषण गर्मी में भक्तों ने भगवान के लिए कूलर और एसी की व्यवस्था की गई है।

बनारसी नारद

बनारसी नारद

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