वाराणसी। आज चैत्र नवरात्रि का आठवां दिन है, जो मां दुर्गा के 'महागौरी' रूप को समर्पित है। माता का मंदिर पंचगंगा घाट इलाके में स्थित है। शक्ति के उपासक इस दिन महागौरी की अराधाना करते है। यह मंदिर श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के समीप माता अन्नपूर्णा के मंदिर के रूप में विख्यात है। माता के दर्शन के लिए भक्त भोर से ही में करताबद्ध हो गए है।

मान्यता है कि जो कुंवारी लड़की मां की पूजा करती हैं तो उसे योग्य पति प्राप्त होता है। पुरूष जो देवी गौरी की पूजा करते हैं उनका जीवन सुखमय रहता है देवी उनके पापों को जला देती हैं और शुद्ध अंतःकरण देती हैं। मां अपने भक्तों को अक्षय आनंद और तेज प्रदान करती हैं।

माता महागौरी आदि शक्ति हैं। इनके तेज से संपूर्ण विश्व प्रकाशमान होता है। इनकी शक्ति अमोघ फलदायिनी है। मां महागौरी की आराधना से भक्तों के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं तथा देवी का भक्त जीवन में पवित्र और अक्षय पुण्यों का अधिकारी बनता है।

देवी महागौरी की चार भुजाएं हैं। उनकी दायीं भुजा अभय मुद्रा में हैं और नीचे वाली भुजा में त्रिशूल शोभता है। बायीं भुजा में डमरू डम डम बज रही है और नीचे वाली भुजा से देवी गौरी भक्तों की प्रार्थना सुनकर वरदान देती हैं। जो स्त्री इस देवी की पूजा भक्ति भाव सहित करती हैं उनके सुहाग की रक्षा देवी स्वयं करती हैं।

Updated On 29 March 2023 2:58 AM GMT
Ankita Yaduvanshi

Ankita Yaduvanshi

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