वाराणसी। संतान की सलामती व खुशहाली के लिए महिलाएं आज बहुला चौथ का व्रत रहेंगी। महिलाएं उपवास रहकर आज शिव-पार्वती व प्रथम पूज्य गणेश की पूजा करेंगी। साथ ही भगवान की पूजा अर्चना कर संतान के खुशहाल जीवन व दीर्घायु के लिए भगवान से प्रार्थना करेंगी।

बहुला चौथ के दिन महिलाएं पूरे दिन व्रत रखती हैं। इसके बाद शाम को सूर्यास्त के साथ ही दूध व चावल से खीर बनाकर भगवान को भोग अर्पित करती हैं।

बहुला चौथ के दिन व्रती महिलाएं पूरे दिन व्रत रहती हैं और शाम को दूध व चावल से खीर बनाकर भोग तैयार करती हैं। सूर्यास्त व चंद्रोदय के बाद व्रती महिलाएं श्री गणेश व शिव-पार्वती की प्रतिमा पर खीर और लड्डू का भोग लगाती हैं उसके बाद फूल व दूध से अर्घ्य देकर संतान के लिए दीर्घायु की कामना करती हैं।

बहुला चतुर्थी व्रत में गौ पूजन का विशेष महत्व होता है। बाजार में श्रीगणेश व शिव-पार्वती की मूर्ती और झालर, फूल से सजी है जिसे महिलाएं घर व मंदिर सजाने के लिए खरीद रही हैं। गणेश मंदिरों में दर्शन पूजन को भक्तों की लाइन लगी हुई है। भक्त गणपति के दर्शनों को व्याकुल हैं।

बड़ा गणेश स्थित दुकानदार राजू तिवारी ने बताया कि दुकान पर 5 इंच से लेकर 30 इंच की मार्बल से बनी मूर्ति उपलब्ध है। जिसकी कीमत 150 से चार हजार रुपये है।

व्रती अनुष्का पांडेय ने बताया कि वह पंद्रह वर्षों से यह व्रत रहती हैं। घर पर व्रता रहकर शाम के समय गणपति के साथ ही शिव पार्वती की पूजा अर्चना कर व्रत कथा सुनती हैं। बहुला चौथ के दिन व्रती महिलाएं चंद्रोदय के बाद पूजा-अर्चना करने के बाद ही फलाहार करती हैं और अगले दिन अन्न-जल ग्रहण कर पारण करती हैं।

अन्नपूर्णा मंदिर के महंत शंकरपुरी ने बताया कि जो महिलाएं डायबटीज, ब्लडप्रेशर, शुगर की मरीज हैं वो बहुला चौथ व्रत के पूरे दिन व्रत रहने व चंद्रोदय के बाद फलाहारी करने की बजाय दोपहर में भी फलहारी कर सकती हैं। ज्योतिषाचार्य विमल जैन ने बताया कि बहुला गणेश चौथ व्रत रविवार को मनाया जाएगा। चंद्रोदय का शुभ मुहूर्त 8 बजकर 37 मिनट का है इस समय में व्रती महिलाएं चंद्रमा को अर्घ्य देने का काम पूरा कर लें।

बनारसी नारद

बनारसी नारद

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