अन्नपूर्णा जयंती : देवी अन्नपूर्णा का हुआ विशेष श्रृंगार, माता के दरबार में चला भंडारा
वाराणसी। अन्नपूर्णा जयंती के अवसर पर काशी के अन्नपूर्णा मंदिर में मंगलवार को विविध कार्यक्रम का आयोजन किया गया। सुबह हवन के बाद मंदिर के अर्चक ने मध्याह्न भोग आरती में माता का अभिषेक कर नए वस्त्र व आभूषण धारण करा कर विधिविधान से पूजन करते हुए भगवती की आरती उतारी।
भगवती अन्नपूर्णा के अवतरण दिवस पर महंत शंकर पूरी ने बताया कि शास्त्रों में माता अन्नपूर्णा को अन्न, धन और सुख शांति की देवी माना गया है, ऐसी मान्यता भी है कि जिस घर में माता अन्नपूर्णा की कृपा रहती है, उस घर के अन्न के भंडार सदैव भरे रहते हैं।सभी प्राणियों के घर में सुख शान्ति बनी रहे। उन्होंने कहा कि प्रतिदिन माता अन्नपूर्णा की विधिपूर्वक पूजा अर्चना करने से जीवन में आर्थिक तंगी से तो निजात मिलता है और घरों में कभी अन्न की कमी नहीं होगी।
मंदिर प्रबंधक ने कहा कि हर वर्ष अन्नपूर्णा जयंती अगहन मास की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है मान्यता है कि इसी तिथि पर मां पार्वती देवी अन्नपूर्णा के रूप में धरती पर आई और कहते हैं कि जब पृथ्वी पर अन्न की कमी हो गई थी, जिस वजहर से चारों तरफ भूखमरी छा गई। लोग अन्न के एक-एक दाना के लिए भी तरसने लगे थे। तब पृथ्वीवासियों की यह दशा देखकर उनके कष्ट दूर करने के लिए माता पार्वती तब अन्नपूर्णा के रूप में अवतरित हुई थीं।
मान्यताओं के अनुसार, जिस घर में मां अन्नपूर्णा की कृपा दृष्टि रहती है वहां का रसोईघर सदैव अन्न-धन से भरी रहती है।
इस अवसर पर मंदिर की ओर से अन्नपूर्णा महा प्रशाद का काउंटर लगा कर आने वाले प्रत्येक भक्तों को प्रसाद दिया गया जो देर शाम तक चलता रहा। भोग भंडारे के आयोजन में सैकड़ों साधु संत समेत अन्य भक्तो ने प्रशाद ग्रहण किया।
आज के अन्नपूर्णा भोजन प्रसाद भंडारे की सेवा के महान कार्य में विशेष रूप से पप्पू शुक्ला,राकेश तोमर,प्रदीप श्रीवास्तव,धीरेंद्र सिंह समेत मंदिर परिवार के सदस्य रहे।