जोशीमठ आपदा : वाराणसी में दंडी स्वामियों ने किया सांकेतिक उपवास, बाबा विश्वनाथ से की प्रार्थना
वाराणसी। जोशीमठ क्षेत्र में आई आपदा से दुखी दंडी सन्यासियों ने सोमवार को अस्सी स्थित मुमुक्ष भवन में सांकेतिक उपवास कर परमात्मा से जोशीमठ के आपदा निवारण के लिए सामूहिक…

वाराणसी। जोशीमठ क्षेत्र में आई आपदा से दुखी दंडी सन्यासियों ने सोमवार को अस्सी स्थित मुमुक्ष भवन में सांकेतिक उपवास कर परमात्मा से जोशीमठ के आपदा निवारण के लिए सामूहिक प्रार्थना की। उपवास के बाद आयोजित धर्मसभा की अध्यक्षता करते हुए दंडी सन्यासी महासमिति के राष्ट्रीय महामंत्री ईश्वरानंद तीर्थ महाराज ने कहा कि अनियोजित विकास, भूस्खलन व पहाड़ों पर किये जा रहे विस्फोटों के चलते जोशीमठ में सैकड़ों मकानों व सड़कों में दरार पड़ गया है और जोशीमठ की भूमि धंस रही है।

हजारों लोगों के जीवन पर संकट है ऐसे आपदा के समय पूज्य ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद: सरस्वती महाराज पीड़ितों की हर सम्भव मदद कर रहे है। धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए शंकराचार्य महाराज के काशी के प्रेस प्रभारी संजय पाण्डेय ने कहा कि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद महाराज जोशीमठ भूधंसाव की खबर लगते ही अपना समस्त कार्यक्रम स्थगित कर जोशीमठ पहुंच गए और भूधंसाव से प्रभावित क्षेत्रों की दौरा कर पीड़ित लोगों का हर सम्भव मदद कर रहें है। 600 से अधिक घरों व सड़कों में दरार पड़ गई है। हजारों लोगों के जन माल का खतरा उत्पन्न हो गया है।
आदि शंकराचार्य भगवान के तपोस्थली ज्योतिर्मठ में भी दरार पड़ गई है। पूज्य शंकराचार्य महाराज राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री व मुख्यमंत्री को जोशीमठ प्रकरण में चिट्ठी लिखने के साथ ही अपने वकील पीएन मिश्र के माध्यम से सुप्रीमकोर्ट में पीआईएल भी दाखिल कर चुके हैं। शंकराचार्य महाराज के निर्देश पर ज्योतिर्मठ में जोशीमठ वासियों के लिए खाने रहने सहित अन्य आवश्यक इंतजाम किये गए हैं। साथ ही ज्योतिर्मठ के सैकड़ों धर्म सेवक दिनरात पीड़ितों की मदद कर रहे हैं।
सभा का संचालन पं सदानंद तिवारी ने किया। आगन्तुकों को सतीश अग्रहरी ने आभार ज्ञापित किया। उपवास व सभा में प्रमुख रूप से सर्वेश्वरानंद तीर्थ, अमृतबोधाश्रम, रामानुज आश्रम, हरिश्वरानंद सरस्वती, नारायण आश्रम, चिदानंद तीर्थ, रामदेव आश्रम, राघवानंद तीर्थ रमेशानन्दतीर्थ,जितेन्द्रानंद तीर्थ, रामखेलना आश्रम,उपेन्द्रानंद तीर्थ,रामानंद तीर्थ, रामाश्रम, राजदेव आश्रम, ॐ नारायण आश्रम व अन्य लोग शामिल थे।
