BHU में 7 जनवरी से होगा तीन दिनी अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी ‘सुफलाम’ का आयोजन, 8 जनवरी को CM Yogi भी होंगे शामिल
वाराणसी। काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) में 7 जनवरी से पंचतत्वों पर एक अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी ‘सुफलाम’ का आयोजन किया जाएगा। जो तीन दिनों तक यानि 9 जनवरी तक चलेगा। इस संगोष्ठी…

वाराणसी। काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) में 7 जनवरी से पंचतत्वों पर एक अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी ‘सुफलाम’ का आयोजन किया जाएगा। जो तीन दिनों तक यानि 9 जनवरी तक चलेगा। इस संगोष्ठी में क्लाइमेट चेंज की वजह से पंचतत्वों में आए बदलावों पर यहां 3 दिन तक काफी सार्थक चर्चा होगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी 8 जनवरी को इस कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे।
BHU की ओर से शुक्रवार को प्रेस कांफ्रेस कर इसकी जानकारी दी गई। बताया गया कि 7-9 जनवरी तक यह कार्यक्रम स्वतंत्रता भवन और कृषि विज्ञान संस्थान के शताब्दी सभागार में होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 8 जनवरी को इस कार्यक्रम में शामिल होंगे। वहीं, उनके साथ केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर, सुरेश जोशी (भैय्या जी), यूपी के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही और जगद्गुरु संत ज्ञानेश्वर दाय जी महराज भी संबोधन देंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का संबोधन दोपहर 2.30 बजे से 4 बजे तक चलेगा।
आज BHU के जनसंपर्क विभाग में प्रेस वार्ता के दौरान कृषि शास्त्री और कार्यक्रम के सचिव प्रो. राकेश सिंह ने कहा कि 7 जनवरी को दोपहर 2.30 बजे कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही प्रदर्शनी का उद्घाटन करेंगे। इसके अलावा 9 जनवरी को ICAR के निदेशक डॉ. हिमांशु पाठक और कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन भी उपस्थित रहेंगे।
प्रो. सिंह ने कहा कि सुफलाम का अर्थ है प्रथ्वी तत्व और पंचतत्व का मतलब 'क्षिति जल पावक गगन समीरा'। यानी कि धरती, पानी, आकाश, आग और हवा।
यानी कि नीति निर्धारण में धरती की क्या उपयोगिता है इस पर चर्चा होगी। भारत भूमि सुजलाम्-सुफलाम् है। यहां पर हर तरह की फसलें उगती हैं। इस समय हमारे यहां पर खरीफ और रबी की फसलों को मिलाकर 142 मिलियन हेक्टेयर जमीन पर खेती-बाड़ी होती है। लगभग 23% जमीन पर जंगल है। बाकी में पहाड़, नदियां, तालाब, रास्ते और आबादी बसती है। इन जगहों पर क्लाइमेट चेंज की वजहों से पड़ने वाले असर का अध्ययन किया जाएगा।
