एफसीआई ने छठी ई-नीलामी में 4.91 लाख मीट्रिक टन गेहूं बेचा
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नई दिल्ली, 16 मार्च (हि.स.)। देश में गेहूं और आटे की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए केंद्र सरकार की पहल के तहत भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने छठी ई-नीलामी में 4.91 लाख मीट्रिक टन (एलएमटी) गेहूं बेचा है।
उपभोक्ता एवं खाद्य मंत्रालय ने गुरुवार को जारी एक बयान में कहा कि एफसीआई) ने 15 मार्च को गेहूं की छठी ई-नीलामी की है। एफसीआई ने 23 क्षेत्रों के 611 डिपो से कुल 10.69 लाख मीट्रिक टन गेहूं बिक्री के लिए रखा, जिसमें 970 बोलीदाताओं ने हिस्सा लिया और 4.91 लाख मीट्रिक टन (एलएमटी) गेहूं की बिक्री हुई।
मंत्रालय ने बताया कि छठी ई-नीलामी में अखिल भारतीय भारित औसत आरक्षित मूल्य 2140.46 रुपये प्रति क्विंटल की तुलना में भारित औसत बिक्री मूल्य 2214.32 रुपये प्रति क्विंटल प्राप्त हुआ। छठी नीलामी में सबसे अधिक मांग 100 से 499 मीट्रिक टन तक की रही, जिसके बाद 500 से 999 मीट्रिक टन की और उसके बाद 50 से 100 मीट्रिक टन मात्रा की रही।
देश में गेहूं की पहली नीलामी एक और 2 फरवरी को आयोजित की गई थी, जिसमें 9.13 लाख मीट्रिक टन गेहूं 1016 बोलीदाताओं को 2474 रुपये प्रति क्विंटल के औसत मूल्य पर बेचा गया। इसके बाद 15 फरवरी को दूसरी नीलामी में 3.85 लाख मीट्रिक टन गेहूं 1060 बोलीदाताओं को 2338 रुपये प्रति क्विंटल के औसत मूल्य पर बेचा गया। वहीं, तीसरी ई-नीलामी के दौरान 875 सफल बोलीदाताओं को 5.07 लाख मीट्रिक टन गेहूं 2173 रुपये प्रति क्विंटल के औसत मूल्य पर बेचा गया।
चौथी ई-नीलामी के दौरान 5.40 लाख मीट्रिक टन गेहूं 1049 सफल बोलीदाताओं को 2193.82 रुपये प्रति क्विंटल के औसत मूल्य पर बेचा गया। 5वीं ई-नीलामी में 5.39 लाख मीट्रिक टन गेहूं 1248 बोलीदाताओं को 2197.91 रुपये प्रति क्विंटल के औसत मूल्य पर बेचा गया। इस तरह 5वीं ई-नीलामी तक 28.86 लाख मीट्रिक टन गेहूं का स्टॉक बेचा जा चुका है, जिसमें से 14 मार्च, 2023 के अनुसार 23.30 लाख मीट्रिक टन गेहूं का उठान हो गया है।
छठी ई-नीलामी के बाद ओएमएसएस (डी) के तहत गेहूं की संचयी बिक्री 45 लाख मीट्रिक टन गेहूं के कुल आवंटन के मुकाबले 33.77 लाख मीट्रिक टन तक पहुंच गई है। गेहूं की इस बिक्री का देशभर में गेहूं और आटे के मूल्यों को कम करने में काफी असर हुआ है। मंत्रालय के मुताबिक ओएमएसएस (डी) के तहत गेहूं की खुली बिक्री के लिए भविष्य की निविदाओं के कारण मूल्यों के स्थिर बने रहने की संभावना है।
हिन्दुस्थान समाचार/प्रजेश/सुनीत
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