नई दिल्ली, 16 मार्च (हि.स.)। रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने गुरुवार को देश की अर्थव्यवस्था के वित्त वर्ष 2023-24 में छह फीसदी की धीमी रफ्तार से बढ़ने की उम्मीद जताई है। क्रिसिल ने कहा है कि अगले वित्त वर्ष में भारतीय कंपनियों के राजस्व में दोहरे अंकों में वृद्धि हो सकती है। इस लिहाज से आगामी वित्त वर्ष के लिए भारत की वास्तविक जीडीपी वृद्धि कमजोर दिख रही है।

हांलाकि, एजेंसी का मानना है कि अगले पांच वित्त वर्ष में भारत की औसत आर्थिक वृद्धि दर 6.8 फीसदी रहेगी। एजेंसी ने कहा कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई अगले वित्त वर्ष में औसतन पांच फीसदी रहेगी जबकि चालू वित्त वर्ष में यह करीब 6.8 फीसदी रहेगी।

घरेलू रेटिंग एजेंसी क्रिसिल के मुख्य अर्थशास्त्री डीके जोशी ने कहा कि भू-राजनीतिक घटनाक्रमों, लगातार ऊंची मुद्रास्फीति, इसका मुकाबला करने के लिए ब्याज दरों में बढ़ोतरी ने वैश्विक परिवेश को और ज्यादा निराशाजनक बना दिया है। उन्होंने एजेंसी के वार्षिक वृद्धि अनुमान में कहा कि मई, 2022 से रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) की नीतिगत दर रेपो रेट में 2.50 फीसदी की वृद्धि का प्रभाव अगले वित्त वर्ष में ज्यादा देखने को मिलेगा।

उल्लेखनीय है कि संसद में पेश आर्थिक सर्वे में वित्त वर्ष 2023-24 में भारत की विकास दर 6 से 6.8 फीसदी और वित्त वर्ष 2022-23 में 7 फीसदी रहने का अनुमान जताया गया है। राष्ट्रीय सांख्यिकी संगठन (एनएसओ) ने भी चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर सात फीसदी रहने की संभावना जताई है। हालांकि, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने वित्त वर्ष 2022-23 में 6.8 फीसदी रहने का अनुमान जताया है लेकिन ज्यादातर विश्लेषक इसे एक महत्वाकांक्षी आंकड़ा मान रहे हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/प्रजेश शंकर/दधिबल

Updated On 22 March 2023 12:00 PM GMT
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