नई दिल्ली, 14 मार्च (हि.स.)। अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ओर से बेलआउट का ऐलान करने के बावजूद अमेरिकी बाजार में लगातार दबाव की स्थिति बनी हुई है। पिछले कारोबारी सत्र के दौरान वॉल स्ट्रीट में तेज उतार-चढ़ाव की स्थिति बनी रही, जिसकी वजह से तीनों सूचकांक दबाव में कारोबार करके बंद हुए। हालांकि आज यूएस फ्यूचर्स में हल्की तेजी का रुख बनता नजर आ रहा है।

इसी तरह यूरोपीय बाजार भी जोरदार गिरावट के साथ बंद हुए। यूरोप के बाजार 3.13 प्रतिशत से लेकर 2.65 प्रतिशत तक टूट गए। एशियाई बाजार में भी आज कमजोरी बनी हुई है। एशिया के ज्यादातर सूचकांक गिरावट के साथ लाल निशान में कारोबार करते नजर आ रहे हैं।

पिछले कारोबारी सत्र में वॉल स्ट्रीट में लगातार दबाव की स्थिति बनी रही। दिन भर के उतार-चढ़ाव के बाद डाओ जोंस और एसएंडपी 500 इंडेक्स गिरावट के साथ लाल निशान में बंद हुए। दूसरी ओर नैस्डेक आखिरी वक्त में मामूली बढ़त के साथ बंद होने में सफल रहा। पिछले सत्र के कारोबार के दौरान डाओ जोंस 90.50 अंक यानी 0.28 प्रतिशत टूट कर 31,819.14 अंक के स्तर पर बंद हुआ।

इसी तरह एसएंडपी 500 इंडेक्स ने 0.15 प्रतिशत की गिरावट के साथ 3,855.76 अंक के स्तर पर पिछले सत्र के अपने कारोबार का अंत किया। दूसरी ओर नैस्डेक पूरे सत्र में उतार-चढ़ाव का सामना करने के बाद कारोबार के आखिरी चरण में हुई खरीदारी के सपोर्ट से 0.45 प्रतिशत की बढ़त लेकर 11,188.84 अंक के स्तर पर बंद हुआ।

उल्लेखनीय है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व (यूएस फेड) की ओर से बेलआउट का ऐलान करने के बावजूद अमेरिका में बैंकों के गिरने का सिलसिला जारी है। पिछले कारोबारी सत्र में फर्स्ट रिपब्लिक बैंक में 61.8 प्रतिशत, वेस्टर्न एलायंस में 47.1 प्रतिशत, चार्ल्स स्क्वैब में 11.6 प्रतिशत, बैंक ऑफ अमेरिका में 5.8 प्रतिशत और गोल्डमैन सैक्स में 3.7 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।

अमेरिका में बैंकों की कमजोरी के साथ ही बॉन्ड यील्ड में भी ऐतिहासिक गिरावट दर्ज की गई है। हर अवधि के बॉन्ड यील्ड में पिछले कारोबारी सत्र के दौरान जोरदार गिरावट देखी गई। 2 साल की अवधि वाले बॉन्ड यील्ड में करीब 10 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई, जिसे 1987 के बाद की सबसे बड़ी गिरावट माना जा रहा है। पिछले चार कारोबारी दिनों के दौरान 2 साल की बॉन्ड यील्ड में अभी तक 22 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की जा चुकी है। इसके अलावा 5 साल की अवधि वाले बेल्ट में भी पिछले कारोबारी सत्र के दौरान 5 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।

अमेरिका में बैंकों के सामने छाए संकट की वजह से कच्चे तेल के भाव पर भी दबाव बन गया है। दूसरी और सुरक्षित निवेश की चाहत में निवेशकों ने गोल्ड मार्केट में अपना निवेश बढ़ा दिया है, जिसकी वजह से सोना में जोरदार तेजी दर्ज की गई है। पिछले कारोबारी सत्र के दौरान सोना 1,913 डॉलर प्रति औंस के स्तर तक पहुंच गया।

अमेरिका के बैंकिंग संकट का असर यूरोपीय बाजार पर भी साफ साफ नजर आ रहा है। एशियाई बाजारों में भी दबाव की स्थिति बनी हुई है। स्ट्रेट्स टाइम्स इंडेक्स के अलावा शेष सभी सूचकांक गिरावट के साथ लाल निशान में कारोबार करते नजर आ रहे हैं। निक्केई इंडेक्स 569.16 अंक यानी 2.04 प्रतिशत का गोता लगाकर 27,263.80 अंक के स्तर पर कारोबार कर रहा है। इसी तरह हैंग सेंग इंडेक्स 364.37 अंक यानी 1.85 प्रतिशत टूट कर 19,331.60 अंक के स्तर पर बना हुआ है।

अभी तक के कारोबार में कोस्पी इंडेक्स भी 2.03 प्रतिशत लुढ़क कर 2,361.76 अंक के स्तर पर पहुंच गया है। इसी तरह ताइवान वेटेड इंडेक्स 124.22 अंक यानी 0.80 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 15,436.27 अंक के स्तर पर कारोबार कर रहा है। इसके अलावा सेट कंपोजिट इंडेक्स 0.81 प्रतिशत गिरकर 1,560.38 अंक के स्तर पर, जकार्ता कंपोजिट इंडेक्स 99.84 अंक यानी 1.47 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 6,687.12 अंक के स्तर पर और शंघाई कंपोजिट इंडेक्स 0.89 प्रतिशत की गिरावट के साथ 3,239.88 अंक के स्तर पर कारोबार कर रहे हैं।

आज के कारोबार में सिर्फ स्ट्रेट्स टाइम्स इंडेक्स 0.16 प्रतिशत की मामूली बढ़त के साथ हरे निशान में 3,137.47 अंक के स्तर पर कारोबार करता नजर आ रहा है

हिन्दुस्थान समाचार/योगिता

Updated On 22 March 2023 12:01 PM GMT
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