मुंबई 16 मार्च (हि.स.)। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में गुढीपाडवा के अवसर पर घर खरीदी बढ़ने की उम्र में विशेषज्ञों ने जताई है। उम्मीद है कि इस त्योहारी मौसम में पिछले कुछ वर्षों की तुलना में मुंबई और उपनगरीय इलाकों में प्रॉपर्टी खरीदने में 3 फीसद की बढ़ोतरी हो सकती है।

नरेडको नेरल कर्जत ने ग्राहकों को कई तरह की प्रॉपर्टी की पेशकश की है, जिसमें किफायती आवास से लेकर अलग-अलग आकार के भूखंड और लक्जरी विला शामिल हैं। नरेडको प्रोग्रेसिव नेरल-कर्जत- रियल एस्टेट उद्योग के अध्यक्ष दिनेश दोशी के अनुसार इस बार गुड़ी पाड़वा के मौके पर त्योहार के जबरदस्त उत्साह को देखते हुए प्रॉपर्टी की खरीदारी में निश्चित तौर पर बढ़ोतरी दिखाई देगी, जो मुंबई 3 में प्रॉपर्टी खरीदने की चाहत को कई गुना बढ़ा देगा।

लगातार बढ़ते शहरीकरण की वजह से न केवल लोगों को सस्ते घर उपलब्ध कराना बेहद आवश्यक हो जाता है, बल्कि इससे जुड़ी बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने की भी जरूरत होती है। ''अफोर्डेबल सिटी'' ही आने वाले समय की जरूरत है, जहां जरूरत के अनुरूप बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर और मल्टी-नोडल पॉइंट्स से कनेक्टिविटी के साथ कार्बन न्यूट्रल क्षेत्र विकसित करने पर विशेष ध्यान दिया जाता हो।

नरेडको प्रोग्रेसिव नेरल-कर्जत के अध्यक्ष गौतम ठक्कर ने बताते हैं कि प्राधिकरणों की ओर से इस क्षेत्र के विकास के लिए जरूरी इन्फ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध कराने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। प्राधिकरणों की ओर से नेरल-कर्जत क्षेत्र के आसपास इन्फ्रास्ट्रक्चर, ज्ञान-आधारित उद्योगों और अनुसंधान केंद्रों का विकास किया जा रहा है। सरकार ने भी इसके साथ तालमेल बिठाते हुए इन्फ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी कई परियोजनाओं की शुरुआत की है। यही वजह है कि इस बार गुड़ी पाड़वा के मौके पर प्रॉपर्टी खरीदने या निवेश करने की संभावना काफी अधिक है।

नरेडको प्रोग्रेसिव नेरल-कर्जत के माननीय सचिव, श्री आनंद दोशी ने नरेडको-नाइट फ्रैंक की एक रिपोर्ट का ज़िक्र किया, जिसका शीर्षक ''ब्रिक बाय ब्रिक: रीइमेजिनिंग अफोर्डेबल मुंबई'' है। अक्टूबर 2022 में नरेडको प्रोग्रेसिव नेरल-कर्जत द्वारा आयोजित ''मंथन - अफोर्डेबल सिटी'' पहल के दौरान यह रिपोर्ट जारी की गई थी, जिसमें किफायती आवास के संदर्भ में मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन (एमएमआर) में मांग एवं आपूर्ति के बीच एक बड़े अंतर की ओर संकेत किया गया है। इस रिपोर्ट के अनुसार, एमएमआर ने 2022 के बाद से किफायती आवास की मांग में जबरदस्त बढ़ोतरी दर्ज की है, जिसमें 67 प्रतिशत मांग 25 लाख रुपये से कम की आवासीय इकाइयों के लिए दर्ज की गई है। 25 से 50 लाख रुपये के बीच की आवासीय इकाइयों की मांग 13 फीसदी और 50 लाख रुपये से ऊपर की आवासीय इकाइयों की मांग 20 प्रतिशत दर्ज की गई है।

हिन्दुस्थान समाचार/ वीके

Updated On 22 March 2023 12:00 PM GMT
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