नई दिल्ली, 17 मार्च (हि.स.)। राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने एचडीएफसी लिमिटेड और एचडीएफसी बैंक के विलय को मंजूरी दे दी है। इस विलय प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद निजी क्षेत्र का सबसे बड़ा बैंक अस्तित्व में आने वाला है, जो सार्वनिक क्षेत्र के स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) को टक्कर देगा।

एनसीएलटी ने शुक्रवार को देश के सबसे बड़े निजी क्षेत्र के एचडीएफसी बैंक और हाउसिंग फाइनेंस कंपनी एचडीएफसी लिमिटेड के विलय को अपनी मंजूरी दे दी। इन दोनों कंपनियों के विलय के बाद इनके पास करीब 18 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति होगी। यह विलय प्रक्रिया वित्त वर्ष 2023-24 की दूसरी या तीसरी तिमाही तक पूरा होने की उम्मीद है। इस विलय को एक्सपर्ट देश के कॉरपोरेट जगत का सबसे बड़ा मर्जर मान रहे हैं।

इस विलय सौदे को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने पिछले साल जुलाई में अपनी मंजूरी दी थी। शेयर बाजार के बीएसई और एनएसई इस डील को पहले ही मंजूरी दे चुके हैं। इसके अलावा भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई), बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (इरडाई) और पीएफआरडीए की मंजूरी भी मिल चुकी है। वहीं, दोनों कंपनियों के शेयरधारक भी सौदे को लेकर अपनी सहमति दे चुके हैं।

उल्लेखनीय है कि आज शेयर बाजार बंद होने के बाद बीएसई पर एचडीएफसी लिमिटेड का बाजार पूंजीकरण 4.70 लाख करोड़ रुपये है, जबकि एचडीएफसी बैंक का मार्केट कैप 8.77 लाख करोड़ रुपये है। सौदा पूरा होने के बाद एचडीएफसी बैंक में 100 फीसदी पब्लिक शेयर होल्डिंग होगी, जबकि एचडीएफसी लिमिटेड के मौजूदा शेयरधारकों के पास बैंक की 41 फीसदी हिस्सेदारी रहेगी। एचडीएफसी के हर शेयरधारक को 25 शेयरों के बदले बैंक के 42 शेयर मिलेंगे।

हिन्दुस्थान समाचार/प्रजेश शंकर

Updated On 22 March 2023 12:00 PM GMT
Agency Feed

Agency Feed

Next Story