वाराणसी। काशी हिन्दू विश्विद्यालय और विवादों का रिश्ता खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। पिछले 7 दिनों से कुलपति आवास के सामने धरने पर बैठे नेत्रहीन छात्रों ने…
![Blind students demonstrated late night at BHU Singh Gate, raised demand to meet VC Blind students demonstrated late night at BHU Singh Gate, raised demand to meet VC](http://varanasitoday.com/wp-content/uploads/2023/02/Blind-students-demonstrated-late-night-at-BHU-Singh-Gate-raised-demand-to-meet-VC.jpg)
वाराणसी। काशी हिन्दू विश्विद्यालय और विवादों का रिश्ता खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। पिछले 7 दिनों से कुलपति आवास के सामने धरने पर बैठे नेत्रहीन छात्रों ने शनिवार की रात सिंह द्वार बंद कर गीत-संगीत के जरिए अपना विरोध जताया। इस दौरान लाफटर चैलेन्ज फेम ब्लाइंड आर्टिस्ट अभय शर्मा ने डफली बजाकर 5 मिनट तक लगातार फगुआ धुन पर गीतों की प्रस्तुतियां दी। इस दौरान, वीसी के न मिलने का विरोध किया। गाने के बोल थे 'होंगे कब वीसी के दर्शन, यूं ही चलेगा हमारा प्रदर्शन, अरे आज रात वीसी पधारे यहां'…..।
सूचना पर इस दौरान ACP भेलूपुर और लंका थाना प्रभारी सहित विश्वविद्यालय चीफ प्रॉक्टर और भारी पुलिस बल मौके पर पहुँच गया। इस दौरान नेत्रहीन छात्र तालियां भी बजाते रहे। दरअसल, छात्र नेत्रहीन छात्रा को सरेराह किस करने वाले आरोपी को जमानत पर रिहा होने को लेकर नराज है। पीड़िता का आरोप है कि उक्त आरोपी पूर्व डीन का बेटा है इसलिए उसके ऊपर सेक्सुअल हैरेसमेंट की धाराएं नहीं लगायी गयी है और वह रिहा कर दिया गया।
कुलपति आवास के बाहर काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के नेत्रहीन छात्रों का यह धरना बीते 7 दिन से लगातार चल रहा था। इससे पहले भी ये छात्र 4 दिन के लिए धरनारत थे। नेत्रहीन छात्र-छात्रा छेड़खानी के मुद्दे पर कुलपति से मिलने की मांग पर अड़े हैं। वीसी ने अभी तक मिलने का समय नहीं दिया है। उनका कहना है कि कैम्पस में हमें पूरी सुरक्षा मुहैया कराई जाए क्योंकि कैम्पस अब छेड़खानी का अड्डा बन गया है।
नेत्रहीन छात्रों ने कहा कि कैंपस में खुलेआम छात्राओं के साथ छेड़खानी हो रही है। दिव्यांग छात्रों की सुरक्षा के साथ काफी लापरवाही बरती जा रही है। पिछले महीने एक दृष्टिहीन छात्रा को जबरन किस करने का मामला सामने आया था। लेकिन, बाद में आरोपी जेल से बेल पर छूट गया। पुलिस के अनुसार आरोपी के ऊपर जो धाराएं लगाई गईं थीं, उसमें 7 साल से कम की सजा है। इसमें नियम यह है कि आरोपी को जमानत मिल जाती है। वहीं, छात्र गिरफ्तारी से कम कुछ भी नहीं चाहते।
![admin admin](/images/authorplaceholder.jpg)