वाराणसी/नई दिल्ली। एक तरफ जहां लोकसभा चुनाव का काउंट डाउन शुरू हो चुका है। वहीं दूसरी तरफ बजट 2024-25 की घोषणा भी कर दी गई है। भारत सरकार में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरूवार को अंतरिम बजट पेश किया। ये बजट इस बार चुनावी बजट के रूप में माना जा रहा है। हालांकि ये अंतरिम बजट है, ऐसे में इस बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कई बड़ी घोषणाओं के साथ इनकम टैक्स स्लैब में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं करने का फैसला किया है। लेकिन अब केंद्र सरकार के इस बजट 2024-25 की घोषणा के बाद विपक्षी दलों के नेताओं ने अपनी राजनीति रोटी सेकने का काम शुरू कर दिया है। चलिए आपको बताते हैं बजट के बाद किसका क्या कहना रहा...

वहीं, समाजवादी पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलश यादव ने इस अंतरिम बजट को बीजेपी का विदाई बजट बताते हुए एक्स पर एक पोस्ट में लिखा कि बजट अगर विकास के लिए और विकास अगर जनता के लिए नहीं है तो वो बजट व्यर्थ है। जनविरोधी बजटों का एक दशक पूरा करके भाजपा सरकार ने शर्मनाक रिकार्ड कायम कर दिया है, जो अब कभी भी नहीं टूटेगा क्योंकि अब सकारात्मक सरकार आने का वक़्त आ गया है और ये बजट भाजपा का ‘विदाई बजट' है।

कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने इसे चुनावी रणनीति का नाम देते हुए कहा कि आज का बजट अंतरिम बजट था, लेकिन वित्त मंत्री का भाषण चुनावी भाषण लगा। उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद थी कि इस बजट में जनता को रहत दिलाने के लिए कुछ घोषणाएं की जाएगी लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। सिर्फ और सिर्फ इस बजट में अपनी पार्टी का गुणगान किया गया है। जनता को इससे कोई लाभ मिले ऐसा कुछ भी नजर नहीं आ रहा है।

इसके साथ ही, बजट के बाद न्यूज़ एजेंसी से बातचीत में कांग्रेस से सांसद कार्ति चिदंबरम का कहना रहा कि यह बजट जनता के लिए कम बल्कि यह सुनिश्चित करने के लिए सिर्फ और सिर्फ एक प्रशासनिक कवायद है कि नई संसद और नई सरकार के गठन तक इनके पास अपना सामान्य कामकाज चलाने के लिए आवश्यक धन हो।

बजट 2024-25 के पेश किए जाने बाद शिवसेना (UBT) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि "कहना और उसे कर दिखाना इसमें जमीन-आसमान का अंतर होता है और यही हम पिछले 10 सालों से देखते आ रहे हैं... इस बजट में गरीबों, महिला, युवा के लिए कुछ नहीं है। इतना ही नहीं इसमें सरकार ने इस ठंडे मौसम में आम जनता की उम्मीदों पर ठंडा पानी डालने का काम किया है।"

वहीं इस अंतरिम बजट पर कटाक्ष बोलते हुए कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि यह बजट आज तक के सबसे छोटे बजट भाषणों में से एक था। इसमें से बहुत कुछ सामने नहीं आया, जनता की जो उम्मीदें थी वैसा कुछ समझ नहीं आया। वित्त मंत्री ने विदेशी निवेश के बारे में बात की, बिना यह स्वीकार किए कि निवेश में काफी कमी आई है। इतना ही नहीं उन्होंने कई मुद्दों को लेकर अस्पष्ट भाषा में बात की, जैसे 'आत्मविश्वास' और 'उम्मीद' इत्यादि। लेकिन जब ठोस आंकड़ों की बात की जाति है तो ये आंकड़े बेहद कम नजर आते हैं।

बजट में बीजेपी के अहंकार की बात करते हुए शिरोमणी अकाली दल (SAD) की सांसद हरसिमरत कौर बादल का कहना रहा कि "वित्त मंत्री ये बार-बार कह रही थी कि 'हम जुलाई में बजट पेश करेंगे'... इसीलिए मुझे इस बजट में एक अहंकार नजर आ रहा था लेकिन मेरा मानना यह है कि आज इनके पास एक मौका था कि जो इन्होने जनता से पिछले 10 सालों में तमाम वादें किए थे वो पूरा करें न कि और सपने दिखाएं।"

बताते चलें कि पूरे देश के लिए सबसे महत्वपूर्ण दिन 1 फरवरी मनाया जाता है, क्योंकि हर साल इसी दिन भारत के बजट की घोषणा की जाती है। हर साल की तरह इस साल भी आज यानी 1 फरवरी को भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने बजट 2024 जारी कर दिया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन के द्वारा लगातार 6वीं बार यह बजट पेश किया गया है। और इस बजट की घोषणा के समय उन्होंने अपने भाषण में कहा कि उनकी सरकार 40 हजार ट्रेनों को भी वंदे भारत रेल की बोगियों की तरह ही बनाएगी। इसके अलावा वित्त मंत्री ने इस बजट में अन्य कई बड़ी योजनाओं का भी जिक्र किया।

Vipin Singh

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