बच्चों का अपहरण कर बेचने वाले अंतरराज्यीय गैंग का भंडाफोड़, बिहार-झारखंड तक फैला है नेटवर्क, 1 गिरफ्तार

Update: 2023-05-22 05:17 GMT

वाराणसी कमिश्नरेट की पुलिस को रविवार को बड़ी सफलता हाथ लगी, बच्चों का अपहरण कर उन्हे बेचने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ कर इस गैंग के एक सदस्य को धर दबोचा। साथ ही पांच को बरामद किया। पुलिस सूत्रों के अनुसार बच्चों के अपहरण व उन्हें बेचने वाले गिरोह का नेटवर्क बिहार, राजस्थान व झारखंड से जुड़ा हैं।

मिली जानकारी के अनुसार बच्चों को नि:संतान दंपतियों के हाथों बेचा जाता था। जिसके बदले उन्हें दो लाख से दस लाख रुपये तक वसूले जाते थे। वहीं पुलिस अंतरराज्यीय गिरोह के छह और सदस्यों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। आरोपियों की निशानदेही पर ही बच्चे बरामद किए गए हैं।

बीते 14 मई की रात भेलूपुर थाना क्षेत्र के रवींद्रपुरी स्थित रामचंद्र शुक्ल चौराहे पर सड़क किनारे सो रहे संजय कुमार व उनकी पत्नी मानवी के बीच से चार वर्ष के बच्चे का अपहरण कर लिया गया था। पुलिस ने मुकदमा दर्ज करके जांच शुरू की, जिसमें 100 सीसी फुटेज की जांच से पता चला कि कार से आए लोगों ने बच्चा उठाया है।

अपहरणकर्ताओं की पहचान भी की गई, फिर पुलिस की टीमें गठित करके अलग-अलग राज्यों में भेजी गईं। वाराणसी में दबिश के दौरान अंतरराज्यीय गिरोह के सदस्य व सिंदुरिया पोखरी शिवदासपुर वाराणसी निवासी संतोष गुप्ता को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तारी में सर्विलांस का सहारा लिया गया।

भेलूपुर इंस्पेक्टर रमाकांत दुबे, दरोगा शिवम श्रीवास्तव, प्रभाकर सिंह व श्रीप्रकाश सिंह की टीम ने आरोपी संतोष को गिरफ्तार करके पूछताछ की। संतोष से पूछताछ में मिली जानकारी के आधार पर पुलिस उसके गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश में राजस्थान, बिहार और झारखंड में दबिश दे रही है। अब तक गिरोह के छह सदस्यों को हिरासत में लिया गया है।

बीते दिनों में सात बच्चों का अपहरण

संतोष ने पुलिस को बताया कि उसके गैंग ने हाल के दिनों में बनारस में रामचंद्र शुक्ल चौराहा स्थित सड़क के किनारे से चार साल का बच्चा, नदेसर में सड़क के किनारे से दो साल का बच्चा, नगवां स्थित एक मकान से पांच माह की बच्ची और चौकाघाट से एक छोटी बच्ची का अपहरण किया था। इसके अलावा प्रयागराज के अलोपीबाग स्थित ओवरब्रिज के नीचे से एक बच्चा और मिर्जापुर के विंध्याचल स्टेशन के समीप से एक लड़का व लड़की का अपहरण किया था।

पुलिस की पूछताछ में संतोष ने आगे बताया कि अपहृत बच्चों में से दो को उसके गिरोह ने जयपुर में मनीष जैन, पारस, घनश्याम और जगदीप बरनवाल को बेचा था। शेष पांच बच्चों को झारखंड के गिरोह को सौंप दिया गया।

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