कोलकाता, 28 सितंबर (हि.स.)। आधार कार्ड की फिंगरप्रिंट जैसी बेहद निजी जानकारी आसानी से जालसाजों के हाथों तक पहुंच रही है और उसकी वजह से आम लोग ठगे जा रहे हैं। कोलकाता पुलिस ने गुरुवार को राज्य के वित्त विभाग को पत्र भेजकर इस बारे में सचेत किया है। एक पत्र में उन्होंने कहा कि उन्हें विभिन्न सरकारी नौकरियों के लिए एकत्र की गई आधार कार्ड की जानकारी को छिपाने की व्यवस्था करनी चाहिए।

आम तौर पर सरकार संपत्ति या अन्य जरूरतों के लिए नागरिकों से जो भी जानकारी एकत्र करती है, उसमें आधार कार्ड की जानकारी भी शामिल होती है। बाद में यह जानकारी आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड कर दी जाती है। आधार कार्ड की यह जानकारी wregistration.gov.in के अलावा कई संबंधित वेबसाइटों पर अपलोड की गई है। कोलकाता पुलिस ने राज्य के वित्त विभाग को इस बारे में चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि वित्त विभाग को ऐसी वेबसाइटों पर अपलोड करते समय आधार नंबर, उंगलियों के निशान और अन्य बायोमेट्रिक डेटा को छिपाने की भी व्यवस्था करनी चाहिए। ताकि इन सभी वेबसाइट से जानकारी लीक न हो सके।

हाल ही में कोलकाता के बागुआटी में एक शख्स के बैंक खाते से करीब 29 हजार रुपये निकाल लिए गए। घटना की जांच करने के बाद, पुलिस को पता चला कि कुछ अज्ञात व्यक्तियों ने खुद को बैंक खाताधारक के रूप में पहचाना और बैंक से एक ग्राहक का आधार कार्ड नंबर और बैंक खाता नंबर एकत्र किया। वे व्यक्ति के आधार कार्ड में फिंगरप्रिंट की जानकारी भी नकली बनाने में सक्षम हैं।

बाद में कोलकाता पुलिस की बैंक धोखाधड़ी रोकथाम शाखा ने जानकारी जुटाई और पता चला कि बैंक धोखाधड़ी करने वालों ने विभिन्न वेबसाइटों से आधार कार्ड की जानकारी एकत्र की थी। उन्होंने यह काम बंगाल और बिहार की सीमा के पास इस्लामपुर के पास के एक इलाके से किया। कोलकाता पुलिस ने बुधवार को ऐसे ही दो जालसाजों को गिरफ्तार भी किया। इसके बाद उन्होंने राज्य सरकार के वित्त विभाग को पत्र लिखा है। हिन्दुस्थान समाचार /ओम प्रकाश /गंगा

Updated On 29 Sep 2023 12:15 AM GMT
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