देहरादून, 28 सितम्बर (हि.स.)। विश्व हृदय दिवस का आयोजन यूज हार्ट नो हार्ट नामक प्रेरणास्पद थीम के तहत किया गया। मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, देहरादून ने बताया कि भारत में हर साल हृदय रोग या सीवीडी से 17.5 मिलियन मौतें दर्ज की गई हैं।

गुरुवार को एक होटल में पत्रकार वार्ता में हृदय रोक विशेषज्ञ डॉ. अरविंद मक्कड़ ने बताया कि हाल के वर्षों में युवाओं में हार्ट अटैकों में तेजी से बढ़ोतरी ने व्यापक रूप से हृदय स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने की आवश्यकता को प्रमाणित किया है। हृदय रोग, जो वैश्विक मृत्यु का एक प्रमुख कारण है, पिछले पांच वर्षों में भारत में ह्रदय रोगों में भरी वृद्धि देखी गयी है। इस चिंताजनक हृदय संबंधी आपात स्थितियों और संबंधित बीमारियों में वृद्धि के लिए मुख्य रूप से हमारी आधुनिक, तेज़-तर्रार जीवनशैली और विकसित होती आदतें जिम्मेदार हैं, जो 30 से 40 साल की उम्र के लोगों को प्रभावित कर रही हैं।

डॉ. प्रीति शर्मा निदेशक कार्डियोलॉजी ने कहा कि गतिहीन जीवन शैली, लगातार तनाव, अनिद्रा और धूम्रपान जैसी हानिकारक आदतें अत्यधिक शराब का सेवन हृदय की जीवन शक्ति को नष्ट कर रहा है। इसके अलावा, मधुमेह, उच्च रक्तचाप और मोटापे की बढ़ती व्यापकता इस अनिश्चित स्थिति को और बढ़ा देती है। उन्होंने कहा कि लगातार व्यायाम करना हृदय संबंधी मृत्यु दर और हृदय रोग के बढ़ने के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कवच है। प्रत्येक सप्ताह पांच दिनों में कम से कम 30 मिनट की मध्यम-तीव्रता वाली गतिविधि, कुल मिलाकर न्यूनतम 2.5 घंटे साप्ताहिक प्राप्त करने के लिए अपनी प्राथमिकताओं के साथ अपनी पसंदीदा गतिविधि को अपनी दिनचर्या में शामिल करना ह्रदय के स्वास्थ्य अत्यंत लाभकारी है।

डॉ. योगेन्द्र सिंह निदेशक कार्डियोलॉजी ने कहा कि हृदय-स्वास्थ्य के लिए एक स्वस्थ आहार का पालन करना हृदय रोग के खतरे को कम करने के लिए महत्वपूर्ण है। एक संपूर्ण आहार में सभी महत्वपूर्ण पोषक तत्व होने आवश्यक है । स्वस्थ प्रोटीन के स्रोतों को विविध करें। हृदय स्वास्थ्य की रक्षा के लिए फ्राइड फास्ट फूड और प्रोसेस्ड विकल्पों से दूर रहना महत्वपूर्ण है।

कार्यक्रम में डॉ. पुनीश सदाना, ने हृदय स्वास्थ्य पर बुरी आदतों के हानिकारक प्रभाव के बारे में बताते हुए कहा कि यह चिंताजनक है कि कई दिल के दौरे और स्ट्रोक से बचे लोग स्पष्ट चेतावनियों के बावजूद हानिकारक व्यवहार पर लौट आते हैं। इन बुरी आदतों में खराब आहार विकल्प, अपर्याप्त शारीरिक गतिविधि, खराब नींद की गुणवत्ता, अत्यधिक शराब का सेवन, धूम्रपान, दवाओं का समय पर नहीं लेना, रक्तचाप प्रबंधन की उपेक्षा और अनियमित कोलेस्ट्रॉल की निगरानी शामिल है।

हिन्दुस्थान समाचार/ साकेती/रामानुज

Updated On 29 Sep 2023 12:12 AM GMT
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