देहरादून, 19 सितंबर (हि.स.)। जैन धर्म के महापर्व पर्युषण के पहले दिन मंगलवार को उत्तम क्षमा धर्म के रूप में मनाया गया। इस दौरान अनुयायियों ने पूरी श्रद्धा के साथ अभिषेक, पूजन, पाठ कर क्षमा धर्म मनाया।

मंगलवार को पर्वराज पर्युषण महापर्व के अवसर पर सभी जैन मंदिरों में सभी धर्मप्रेमी बंधुओं बड़े ही धूमधाम के साथ प्रक्षाल व भक्ति के साथ पूजा आराधना की। आदिनाथ दिगंबर जैन पंचायती मंदिर माजरा में पूज्य क्षुल्लक रत्न समर्पण सागर महाराज के मंगल सानिध्य में समवशरण महामंडल विधान प्रारम्भ हुआ। इस मौके पर पूज्य आर्यिका आनंदमती माताजी ने कहा कि प्रतिकूल निमित्त मिलने पर प्रतिकार की सामर्थ्य होते हुए भी क्रोध ना आना उत्तम क्षमा है। क्षमा वीरस्य भूषणन अर्थात् क्षमा धर्म वीर पुरुष का भूषण है, जिनके पास क्षमारूपी शास्त्र है, उनका शत्रु क्या कर सकता है। इससे दुश्मन को जीतने में देर नहीं लगती और क्षमावान् हमेशा सुखी रहता है। क्षमा वाले पुरुष का संसार में कोई भी शत्रु नहीं है। क्रोधी मनुष्य पर कोई भी विश्वास नहीं करता।

मीडिया संयोजक मधु जैन ने बताया कि गांधी रोड स्थित दिगंबर जैन पंचायती मंदिर जैन भवन में पूज्य 105 आर्यिका आनंदमती माताजी के मंगल सानिध्य में दसलक्षण विधान प्रारंभ हुआ। शाम 7 बजे सभी जैन मंदिरों में महाआरती की गयी। इसके पश्चात पूज्य आर्यिका आनंदमति माताजी और पूज्य क्षुल्लकरत्न समर्पण सागर महाराज के मंगल सानिध्य में संस्कृतिक कार्यक्रम महिला जैन मिलन द्वारा धार्मिक नाटिका ''दर्शन प्रतिज्ञा'' की सुंदर प्रस्तुति दी गयी।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अमित जैन (ईसी रोड), राकेश जैन, अमन जैन (ठाकुर ज्वेलर) ने दीप प्रज्ज्वलन किया। साथ ही पार्श्वनाथ पद्मवति तीर्थधाम क्लेमेंटाउन के बच्चों की ओर से नाटिका जियो और जीने दो की सुंदर प्रस्तुति दी गयी। कार्यक्रम में जैन मिलन के मुख्य राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नरेश चंद जैन, जैन भवन मंत्री संदीप जैन, सुखमाल चंद जैन, राजीव जैन, गौरव जैन, आशीष जैन, सुनील जैन, जिनेन्द्र जैन,पंकज जैन, श्रीमती संगीता जैन, रश्मि जैन, रविशा जैन, बीना जैन, मोनिका जैन आदि बड़ी संख्या मे समाज के महानुभाव उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार/राजेश

Updated On 20 Sep 2023 12:16 AM GMT
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