-रोजाना दो शिफ्ट में 29-30 हजार मैट्रिक टन कूड़े की प्रोसेसिंग

-सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट में गुजरात सरकार का अभिनव प्रयोग

अहमदाबाद, 20 सितंबर (हि.स.)। अहमदाबाद वासियों को पिराणा के कूड़े के पहाड़ से राहत मिल गई है। अहमदाबाद महानगर पालिका ने पिराणा डम्पिंग साइट पर अबतक 95 लाख मैट्रिक टन कूड़ा हटाया है, जिसके कारण 2200 करोड़ रुपए मूल्य की भूमि शीघ्र कूड़ामुक्त हो जाएगी। सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के क्षेत्र में गुजरात के इस अनूठे कार्य से सभी दंग हैं। ग्रीन एनर्जी, आईटी तथा सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट जैसे क्षेत्रों में युद्ध स्तर पर कार्य हो रहा है।

अहमदाबाद महानगर पालिका के घन कूड़ा प्रबंधन विभाग द्वारा वर्ष 2019 में पिराणा-बायो माइनिंग प्रोजेक्ट शुरू किया गया था। मार्च महीने में 300 टन प्रतिदिन की क्षमता वाली ट्रॉमेल मशीनें साइट पर लाने की प्रक्रिया शुरू की गई थी। हाल में पिराणा डम्पिंग साइट पर 300 टीपीडी (टन्स प्रति दिवस) कैपेसिटी की 60 ट्रॉमेल मशीनें, 1000 टीपीडी कैपेसिटी की 11 ऑटोमैटेड सेग्रिगेशन मशीनें, 63 एस्केवेटर्स और 267 हायवा ट्रक ऑपरेशन में हैं। साइट पर प्रतिदिन दो शिफ़्टों में 29-30 हज़ार मैट्रिक टन कूड़े-कचरे की प्रोसेसिंग (प्रसंस्करण) की जा रही है। पिराणा में 85 एकड़ भूमि क्षेत्र में कूड़े का पहाड़ है, जहाँ पिछले चार दशकों से शहर का 1 करोड़ 25 लाख मैट्रिक टन से अधिक कूड़ा एकत्र हुआ है। हाल में यहाँ 85 एकड़ में से 35 एकड़ भूमि से कूड़ा-कचरा साफ़ कर दिया गया है।

ट्रॉमेल मशीनें कूड़ा अलग करती हैं

रोड ट्रीट ट्रॉमेल मशीनें साइट पर कार्यरत हैं। इन मशीनों की मदद से कूड़े से मिट्टी, कपड़ा, प्लास्टिक, लोहा, लकड़ी आदि वस्तुओं का पृथक्करण (वर्गीकरण) किया जाता है। इन मशीनों की सहायता से कूड़े का बुरादा बना कर उसे खाद जैसा बना दिया जाता है।

कूड़े से निकलने वाली मिट्टी का धोलेरा तथा अन्य प्रोजेक्टों में उपयोग

पिराणा में कूड़े की निकासी में 70 प्रतिशत मिट्टी निकल रही है। इस मिट्टी का उपयोग धोलेरा प्रोजेक्ट के अंतर्गत निर्मित हो रहे हाईवे में हो रहा है। इसके अलावा, साबरमती रिवरफ्रंट के फेज-2 तथा साबरमती गांधी आश्रम के रिडेवलपमेंट कामकाज में भी पिराणा से प्राप्त मिट्टी भेजी जा रही है। यह मिट्टी उपलब्ध कराने से महानगर पालिका को आय भी हुई है।

पिराणा का कामकाज देश के लिए उत्कृष्ट उदाहरण

पिराणा साइट के कामकाज की देशभर में प्रशंसा हो रही है। हाल ही में केरल से आए प्रतिनिधियों ने भी इस साइट का जायजा लिया था और यहां के कामकाज से प्रभावित हुए। इससे पहले भी हैदराबाद, पुणे, फरीदाबाद, कोलकाता एवं कोयम्बटूर से प्रतिनिधि यहाँ आकर कामकाज देख चुके हैं।

बोपल-घुमा डम्प साइट की छह माह में सफाई की गई

बोपल-घुमा डम्प साइट दस वर्ष से अस्तित्व में थी, जहाँ लगभग 2.5 लाख मैट्रिक टन कूड़ा एकत्र हुआ था। महानगर पालिका ने जुलाई-2020 में 1000 टन प्रतिदिन की पृथक्करण क्षमता वाली मशीनों के साथ यहाँ कामकाज शुरू किया था। इसके बाद छह माह में इस साइट की सफाई कर 6 एकड़ भूमि कूड़ामुक्त की गई है। अब यहाँ इकोलॉजिकल पार्क का निर्माण किया गया, जिसका उद्घाटन केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने किया था।

हिन्दुस्थान समाचार/बिनोद/संजीव

Updated On 21 Sep 2023 12:08 AM GMT
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