-8 लाख से अधिक वाहनों का गुजरात से सालाना निर्यात

गांधीनगर, 23 सितंबर (हि.स.)। गुजरात के ऑटोमोबाइल क्षेत्र का मूल्य आज 3 बिलियन यूएस डॉलर है। पिछले दो दशकों में आया यह परिवर्तन राज्य के औद्योगिक विकास एवं नवीनता के प्रति समर्पण का प्रमाण है। आठ लाख से अधिक वाहनों के वार्षिक निर्यात के साथ गुजरात भारत के ऑटोमोटिव लैंडस्कैप में महत्वपूर्ण योगदान देने वाला राज्य सिद्ध हुआ है। ऑटोमोटिव हब बनने की ओर राज्य की यात्रा वर्ष 2009 में साणंद (जिला अहमदाबाद) में टाटा मोटर्स मैन्युफैक्चरिंग प्लांट की स्थापना के साथ शुरू हुई, जो स्थानीय एवं अंतरराष्ट्रीय; दोनों निवेशकों को आकर्षित करता है।

गुजरात के ऑटोमोबाइल क्षेत्र की उत्क्रांति वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट (वीजीजीएस) के साथ प्रगाढ़ रूप से जुड़ी हुई है, जिसका आरंभ वर्ष 2003 में तत्कालीन मुख्यमंत्री तथा वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किया गया था। यह समिट राज्य के सामाजिक-आर्थिक ढाँचे को पुन: आकार देने के निमित्त बनी है और राज्य को निवेश तथा इनोवेशन के लिए पसंदीदा स्थल बनाती है। मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल के नेतृत्व में जनवरी, 2024 में आयोजित होने वाली वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट का 10वाँ संस्करण निवेश तथा इनोवेशन के बेजोड़ हब के रूप में गुजरात की स्थिति को अधिक सुदृढ़ करेगा।

गुजरात के ऑटोमोबाइल उद्योग की सफलता की गाथाओं में वर्ष 2011 में फोर्ड मोटर्स द्वारा उसके साणंद स्थित प्लांट में 5,000 करोड़ रुपए के निवेश का समावेश होता है, जिसके कारण गुजरात में 3,000 रोजगार का सृजन हुआ तथा वर्ष 2014 में सुज़ुकी मोटर्स के 14,784 करोड़ रुपए के मेगा यूनिट का समावेश होता है, जिसने 9,100 रोजगार का सृजन किया। वर्ष 2022 में टाटा मोटर्स ने साणंद में स्थित फोर्ड प्लांट हस्तगत किया था। इतना ही नहीं, जेईटीआरओ (जेटरो) के साथ गुजरात के सहयोग से भारत का प्रथम प्लग-एंड-प्ले पार्क यानी जापानीज़ इंडस्ट्रियल पार्क बना है। वर्ष 2017 में एमजी मोटर्स ने 2000 करोड़ रुपए के प्रारंभिक निवेश तथा वार्षिक 80,000 यूनिट्स की उत्पादन क्षमता के साथ जीएम इंडिया का हालोल प्लांट हस्तगत किया था। उल्लेखनीय है कि भारत में एमजी की एकमात्र मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी है।

तीन बिलियन डॉलर के निवेश के साथ मांडल-बेचराजी स्पेशल इन्वेस्टमेंट रीजन (एमबीएसआईआर) ऑटोमोबाइल के उत्पादन के लिए एक महत्वपूर्ण केन्द्र तथा यहाँ मारुति सुजुकी तथा होंडा जैसी विख्यात कंपनियाँ स्थापित हुई हैं, जिनकी वार्षिक 1 मिलियन से अधिक वाहनों के उत्पादन की क्षमता है। इसके अतिरिक्त, इंटरनेशनल ऑटोमोबाइल सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस (आईएसीई) गुजरात सरकार तथा मारुति सुज़ुकी इंडिया लिमिटेड के बीच सहयोग का गवाह है। यह नवीन संयुक्त उपक्रम ऑटोमोटिव क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण माइलस्टोन है। गुजरात का आईएसीई ऑटोमोटिव उद्योग में अनुसंधान, विकास तथा नवीनता की एक अत्याधुनिक सुविधा है। यह अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी हब के रूप में कार्य करता है तथा ऑटोमोटिव एडवांसमेंट्स के लिए अनुकूल वातावरण को प्रोत्साहन देता है। हमेशा श्रेष्ठही देने की प्रतिबद्धता के साथ आईएसीई का उद्देश्य उद्योग को आगे बढ़ाने तथा नवीनीकरण, टिकाऊपन एवं कौशल्य विकास को आगे बढ़ाना है और इसके द्वारा वैश्विक मंच पर भारतीय ऑटोमोटिव क्षेत्र के विकास तथा प्रतिस्पर्धात्मक में योगदान देना है।

इसके अलावा, 2020-21 के वित्तीय वर्ष में 8 लाख वाहनों के निर्यात के साथ गुजरात ऑटोमोबाइल तथा ऑटो कम्पोनेंट्स का बड़ा निर्यातक बना है। इलेक्ट्रिक मोबिलिटी की ओर वैश्विक परिवर्तन को ध्यान में रख कर गुजरात इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) के उत्पादन को सक्रिय रूप से प्रोत्साहन दे रहा है। राज्य सरकार ने इवी बैटरी प्लांट स्थापित करने के लिए टाटा ग्रुप के साथ टाटा ग्रुप के साथ 13,000 करोड़ रुपए के महत्वपूर्ण एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं। यह सस्टेनेबल मोबिलिटी के लिए भारत की प्रतिबद्धता के साथ एकीकृत रूप से सुसंगत होता है और गुजरात को इवी उत्पादन के लिए अग्रणी हब के रूप में प्रस्थापित करता है।

हिन्दुस्थान समाचार/बिनोद/संजीव

Updated On 23 Sep 2023 1:27 PM GMT
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