-पशु स्पर्धा के आयोजन से पशुपालकों को करते हैं प्रोत्साहित

-गुजरात के गिर, कांकरेज गाय समेत जाफराबादी और बन्नी भैंस पालन को बढ़ावा

अहमदाबाद, 20 सितंबर (हि.स.)। गुजरात की प्रगति में नींव का काम करने वाले पशुपालन व्यवसाय के प्रोत्साहन के लिए राज्य सरकार की ओर से हर साल सुरेन्द्रनगर जिले की थान तहसील के तरणेतर में पशु प्रदर्शनी सह स्पर्धा का आयोजन किया जाता है। इस साल भी 18 सितम्बर से 20 सितम्बर तक 3 दिवसीय प्रदर्शनी सह स्पर्धा का आयोजन किया गया। इसमें 59 गिर गाय, 39 कांकरेज गाय, 38 जाफराबादी भैंस और 32 बन्नी भैंस का रजिस्ट्रेशन हुआ। इन सभी के बीच स्पर्धा का आयोजन किया गया। इसमें गाय और भैंस दोनों वर्ग की नश्ल में 3-3 वर्ग में इनाम दिए गए। गाय में वोडकी, गाय और सांढ वहीं भैंस में भैंस, जोटुं (खडेली) और पाड़ा मिलाकर 3 श्रेणी में पुरस्कार दिए गए।

वर्ष 2008 में तत्कालीन मुख्यमंत्री और मौजूदा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में इस तरह की पशु प्रदर्शनी और स्पर्धा का आयोजन शुरू किया गया था। तब से लेकर आज तक इस स्पर्धा में शुद्ध देशी नश्लों के उच्च लक्षण वाले गिर, कांकरेज गाय, जाफराबादी, बन्नी भैस पालन को प्रोत्साहित करना शुरू किया गया। इस स्पर्धा में सभी नश्लों के विभिन्न वर्ग में प्रथम, द्वितीय और तृतीय मिलाकर कुल 36 पुरस्कार दिए जाते हैं। सर्वश्रेष्ठ पशु को चैम्पियन ऑफ दी शो के रूप में 51 हजार रुपये का इनाम दिया जाता है। अन्य वर्ग में भी प्रथम पुरस्कार 25 हजार रुपये, द्वितीय पुरस्कार 20 हजार रुपये और 15 हजार रुपये की राशि प्रदान की जाती है। इतना ही नहीं सभी वर्ग के प्रतिभागियों को आश्वासन पुरस्कार के तौर पर 2-2 हजार रुपये प्रदान किये जाते हैं।

इस स्पर्धा के आयोजन के उद्देश्य के बारे में पशुपालन निदेशक डॉ फाल्गुनी ठाकर कहते हैं कि देशी नश्ल के प्रोत्साहन की यह स्पर्धा पशुपालन के क्षेत्र में आशीर्वाद बनती जा रही है। पशुपालकों के लिए पुरस्कार से अधिक उनके पशुओं के नश्लों का सम्मान अधिक महत्व रखता है। पशुपालकों की हिम्मत बनी रहे, इसके लिए पशुओं के परिवहन का खर्च भी पशुपालन निदेशक कार्यालय की ओर से वहन किया जाता है।

जिसमें थान, चोटिला, हलवद, वांकानेर और मूली तहसील के लिए 700 रुपये और दूसरे जिलों से आने वाले मवेशियों के परिवहन के लिए 2,000 रुपये का भुगतान किया जाता है। इसके अलावा, अन्य जिलों से आने वाले पशुपालकों को 4,000 रुपये का भुगतान किया जाता है। पशुपालकों को तीन दिन की रख-रखाव लागत के रूप में प्रत्येक भाग लेने वाले पशु के लिए 500 रुपये का दैनिक भत्ता भी दी जाती है। इस प्रकार, अपनी स्वदेशी संस्कृति के लिए विश्व प्रसिद्ध तरणेतर मेला राज्य के स्वदेशी पशुधन के संरक्षण का एक प्रतीक बनता जा रहा है।

बन्नी भैंस कोचैम्पियन ऑफ द शो

कच्छ के बन्नी क्षेत्र की भैंस चैंपियन ऑफ द शो बनी है। पशुपालन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के हाथों कच्छ जिले की भुज तहसील के धोरी गांव में रहने वाले रणछोड़भाई वलजीभाई गागल की बन्नी भैंस को 51 हजार रुपये का पुरस्कार प्रदान किया गया। साथ ही चैंपियन ऑफ द शो ट्रॉफी प्रदान की गई। इसके अलावा, प्रत्येक श्रेणी में प्रथम, द्वितीय और तृतीय पुरस्कार विजेताओं को प्रमाण पत्र भी प्रदान किए गए।

हिन्दुस्थान समाचार/बिनोद/आकाश

Updated On 23 Sep 2023 3:32 PM GMT
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