बेगूसराय, 27 मई (हि.स.)। प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेन्द्र मोदी ने सस्ती और सुलभ दवा उपलब्ध कराने के लिए जन औषधि केंद्र को बढ़ावा देना शुरू किया। इससे करोड़ों लोगों को दवा पर होने वाली खर्च की चिंता से मुक्ति मिली। आज जन औषधि केंद्र जन-जन को लाभ देकर वरदान साबित हो रहा है।

जहां कि ना केवल 50 से 90 प्रतिशत तक कम दामों पर दवाइयां मिल रही है। बल्कि, महिलाओं के लिए उपयोगी सेनेटरी पैड भी मात्र एक रुपये में मिल रहा है। प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र गरीब मरीजों के लिए वरदान साबित हो रही है। इस केंद्र के खुलने गरीब मरीजों को सस्ता और सुलभ दवा उपलब्ध हो रही है।

इससे गरीब लोगों को दवा के खर्च में 50 से 90 प्रतिशत तक बचत हो रही है। यह परियोजना है तो पूरे देश के लिए वरदान। लेकिन सिर्फ बेगूसराय की बात करें तो आज की तारीख में है दस प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र खुल चुके हैं। जिससे प्रत्येक वर्ष पांच लाख से अधिक लोग लाभान्वित हो रहे हैं तथा बचत करोड़ों में है।

बेगूसराय जिले में सबसे पहले दस जुलाई 2017 को नितेश कुमार नाम के बेरोजगार युवक जब प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र खोला तो लोग हंसी का पात्र बनाते थे। आसपास के दवा कारोबारियों ने भी इस केंद्र को बंद कराने का प्रयास करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। लेकिन आज यह केंद्र गरीब मरीजों के जीवन का आधार बन चुका है।

अब तो बेगूसराय के बलिया, तेघड़ा, बखरी, बछवाड़ा (दरगहपुर), मंझौल, बरौनी, छौड़ाही के अलावा शहर के टेढ़ीनाथ मंदिर एवं जिला परिषद मार्केट में भी जन औषधि केंद्र संचालित हैं। जहां की बड़े पैमाने पर लोग दवाओं की खरीद कर रहे हैं। दवा खर्च में हो रहे अभूतपूर्व बचत से लोगों को बड़े पैमाने पर बचत हो रही है।

हालांकि इस केंद्र में गरीबों को सस्ती दवा मिलने से दवा व्यवसाय पर बड़ा प्रभाव पड़ा है। जिसके कारण ना केवल दवा माफिया कोई ना कोई कुचक्र रचते रहते हैं। बल्कि डॉक्टर भी यहां लोगों को दवा लेने के लिए प्रेरित नहीं करते हैं। सरकारी अस्पताल के डॉक्टर भी नहीं चाहते हैं कि लोग यहां से सस्ते मूल्य पर दवा खरीदें। क्योंकि जन औषधि केंद्र की दवा खरीद पर डॉक्टरों को मोटा तो छोड़िए, छोटा कमीशन भी नहीं मिलता है।

जन औषधि केन्द्र के संचालक नितेश कुमार कहते है की यहां पर डायबिटीज, कैंसर, हृदय रोग समेत सभी गंभीर से गंभीर बीमारी की दवा उपलब्ध है। जन औषधि केन्द्र में बेटियों और महिलाओं का भी खास ध्यान रखा गया है। यहां सैनिटरी पैड मात्र एक रुपये में मिलती है, जो बाजार से कई गुणा सस्ता है। उन्होंने कहा कि प्रधान मंत्री जन औषधि केन्द्र को बढ़ावा देना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदृष्टि का परिचायक है।

डायबिटीज के मरीज नूर आलम बताते हैं कि पहले बाजार के दुकानों से डायबिटीज की दवा लेता तो प्रत्येक महीने नौ से 11 सौ तक रुपये लगते थे। पिछले वर्ष प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र के संबंध में जानकारी मिली और वहां से दवा लेना शुरू किया। अब प्रत्येक महीने करीब दो सौ रुपये ही खर्च हो रहे हैं, दवा का असर भी उतना ही है। अच्छी और सस्ती दवा रहने के कारण हम अपने स्तर से भी लोगों को जागरूक कर रहे हैं। सभी लोगों को वहीं से दवा लेनी चाहिए।

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना का उद्देश्य सभी को सस्ती कीमत पर गुणवत्तापूर्ण जेनेरिक दवाइयां उपलब्ध कराना है। इस योजना के तहत देश में केंद्रों की संख्या 9,300 से अधिक हो गई है। मोदी सरकार ने पूरे देश के 766 जिलों में से 743 को कवर करते हुए 9,300से अधिक केंद्रों के साथ इसकी पहुंच का विस्तार किया है। दिसम्बर तक प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्रों की संख्या बढ़ाकर दस हजार करने का लक्ष्य रखा है।

उपलब्ध उत्पादों की सूची में सभी प्रमुख चिकित्सीय समूहों को कवर करने वाली 1759 दवाई और 280 सर्जिकल उपकरण है। इनमें कार्डियोवस्कुलर, कैंसर रोधी, डायबिटिक रोधी, संक्रमण रोधी, एलर्जी रोधी, गैस्ट्रो-इन्टेस्टाइनल दवाइयां और न्यूट्रास्यूटिकल्स आदि भी है। इसके अलावा विभिन्न न्यूट्रास्युटिकल उत्पाद, प्रोटीन पाउडर, माल्ट-बेस्ड फूड सप्लीमेंट्स भी उपलब्ध हैं। कुछ आयुष उत्पाद आयुरक्षा किट, बालरक्षा किट और आयुष-64 टैबलेट को प्रतिरक्षा बूस्टर के रूप में उपलब्ध कराया गया है।

हिन्दुस्थान समाचार/सुरेन्द्र/गोविन्द/गोविन्द

Updated On 27 May 2023 2:19 PM GMT
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