गुरु अमरदास ने जगायी सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ अलख: श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह
हरिद्वार, 29 सितम्बर (हि.स.)। कनखल सतीघाट स्थित डेरा बाबा दरगाह सिंह तपस्थान में तीसरे गुरु अमरदास महाराज के ज्योतिजोत समागम व डेरे के पूर्व स्वर्गीय महंतों महंत साधु सिंह महाराज, महंत रणवीर सिंह महाराज और महंत जसविंदर सिंह सोढ़ी की बरसी के अवसर पर श्री अखण्ड पाठ, शबद कीर्तन व सन्तवाणी का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल के अध्यक्ष श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह महाराज ने कहा कि सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ अलख जगाने वाले सिख समाज के तीसरे गुरु अमरदास ने कनखल सती घाट में आकर तपस्या की और सती प्रथा जैसी सामाजिक कुरीति को बंद कराया। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष एवं श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव श्रीमहंत रवींद्रपुरी महाराज ने कहा कि हिंदू धर्म की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व बलिदान करने वाले सिख धर्म गुरुओं की वाणी हमेशा प्रासंगिक रहेगी। उन्होंने कहा कि कनखल में सतीघाट पर तपस्या कर गुरू अमरदास महाराज ने समाज को एकता व समरसता का संदेश दिया। डेरा बाबा दरगाह सिंह के महंत रंजय सिंह महाराज ने कहा कि. गुरु अमरदास सती घाट कनखल में गंगा तट पर 22 बार आए थे। जिसमें 21 बार गुरु बनने से पहले और 22वीं बार गुरु बनने के बाद यहां उन्होंने सामाजिक विकृतियों के खिलाफ जनता को जागरूक किया।
बीबी बिनिंदर कौर सोढ़ी ने कहा कि गुरु अमरदास ने सामाजिक समरसता के लिए लंगर प्रथा की शुरुआत की थी। समाजसेवी अतुल शर्मा, दामिनी सोढ़ी, अमृत कोचर, मीनू सोढ़ी, शशी शर्मा, जस्टिस गिरधर मालवीय, नीरव साहू ने फूलमाला पहनाकर सभी संत महापुरुषों का स्वागत किया। इस अवसर पर सतपाल ब्रह्मचारी, महंत बलवंत सिंह, महंत मनदीप सिंह, महंत निर्भय सिंह, महंत जरनैल सिंह, महंत बलवीर सिंह, महंत सुतीक्षण मुनि, स्वामी रविदेव शास्त्री, महंत राघवेंद्र दास, महंत गोविंददास, महंत प्रेमदास, महंत रघुवीर दास, महंत बिहारी शरण, महंत सूरज दास, स्वामी ऋषिश्वरानंद सहित अनेक श्रद्धालुजन मौजूद रहे।
हिन्दुस्थान समाचार / रजनीकांत/प्रभात