भगवान अपने भक्तों का विश्वास कभी नहीं तोड़ते : भागवताचार्य श्री हरीश तिवारी
कोलकाता, 29 सितंबर (हि.स.)। श्री डीडवाना नागरिक सभा द्वारा अपनी स्थापना के 70वें वर्ष पर मनाई जा रही प्लेटिनम जयन्ती के उपलक्ष्य में नया मंदिर, बांधाघाट-हावड़ा में आयोजित सप्त दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का आज समापन हो गया। आज की संगीतमय कथा में शिशुपाल वध, कृष्ण-सुदामा मिलन एवं शुकदेव विदाई आदि प्रसंगों का वर्णन किया गया। व्यासपीठ से बोलते हुए हरीश तिवारी ने सुदामा- कृष्ण मिलन का सुंदर वर्णन किया। उन्होंने कहा कि भगवान अपने भक्तों का विश्वास कभी नहीं तोड़ते। प्रभु से रिश्ता तभी बनता है जब उनके प्रति आपके हृदय में अटूट समर्पण हो। प्रभु भक्ति में लगाया गया धन और समय कभी व्यर्थ नहीं जाता। बंगेश्वर महादेव मंदिर परिसर में आयोजित सप्त दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा ज्ञानयज्ञ का आज समापन सत्र था। कथा के उपरांत विशाल शोभायात्रा के साथ भागवतजी की पोथी को बंगेश्वर महादेव प्रांगण स्थित राधाकृष्ण मन्दिर ले जाया गया। उसके बाद पूर्णाहुति हवन व प्रसाद वितरण के साथ समापन कार्य सम्पन्न हुआ। मुख्य यजमान परिवार से श्रीबल्लभ नागोरी एवं राजेश नागोरी ने पूजा अर्चना की। इसके बाद दैनिक यजमानों द्वारा आरती की गयी।
व्यास पीठ से संस्था के अध्यक्ष अरुण प्रकाश मल्लावत को शाल ओढ़ाई गयी एवं हनुमान जी के विग्रह का मोमेंटो प्रदान किया गया तथा सभी कार्यकर्ताओं को अंगवस्त्र प्रदान किया गया। सभी अतिथियों का सम्मान संस्था के अध्यक्ष अरुण प्रकाश मल्लावत ने किया। उन्होंने कथा आयोजन की परिकल्पना व सहयोगियों की जानकारी देते हुए बताया कि मुख्य यजमान नागोरी परिवार तथा व्यासपीठ पूजन यजमान ईश्वरजी मुरलीधर ध्यावाला, दिनेशजी अग्रवाल (भारूका), ओमप्रकाश बांगड़, अरूणप्रकाश मल्लावत परिवार, सुमेरचन्द सिंघवी रहे। अलका काकङा ने कुशलता के साथ आयोजन का मंच संचालन किया। उपमंत्री द्वय सम्पत मान्धना एवं मनोज काकड़ा ने अन्य कार्यकर्ताओं के साथ पूरी तत्परता से कथा स्थल की व्यवस्थाओं को सम्भाला। हिन्दुस्थान समाचार /ओम प्रकाश/गंगा