-पुरुषार्थ के आगे प्रारब्ध को भी झुकना पड़े की प्रतीति कराने वाली पुस्तक: मुख्यमंत्री

-परिमल नथवाणी लिखित पुस्तक ‘एकमेव... धीरूभाई अंबानी’ का अनावरण

गांधीनगर, 25 सितंबर (हि.स.)। राज्यपाल आचार्य देवव्रत तथा मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने राज्यसभा के सांसद तथा रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के कॉर्पोरेट मामलों के निदेशक परिमल नथवाणी द्वारा तीन भाषाओं में लिखित पुस्तक ‘एकमेव धीरूभाई अंबानी’ का सोमवार को अनावरण किया।

राज्यपाल ने अनावरण समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि भारत की आर्थिक उन्नति में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले महानायक धीरूभाई अंबानी की पथदर्शक बातों को समाविष्ट करने वाली यह पुस्तक युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की काव्य पंक्तियों ‘प्रारब्धने अहीं गांठे कोण, हुं पडकार झीलनारो माणस छुं (प्रारब्ध को यहाम कौन मानता है, मैं चुनौतियां झेलने वाला व्यक्ति हूं)’ का उल्लेख करते हुए कहा कि यह पुस्तक पुरुषार्थ के आगे प्रारब्ध को भी झुकना पड़े की प्रतीति कराती है।

गांधीनगर स्थित राजभवन में आयोजित एक समारोह में परिमल नथवाणी द्वारा गुजराती तथा हिन्दी भाषा में लिखित पुस्तक ‘एकमेव... धीरूभाई अंबानी’ तथा अंग्रेज़ी में लिखित पुस्तक ‘वन एंड ऑन्ली... धीरूभाई अंबानी’ का लोकार्पण किया।

नवभारत पब्लिकेशन द्वारा प्रकाशित इस पुस्तक का अनावरण करने से पहले राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा कि अपने सेवा कार्यों से कीर्ति, मान-सम्मान तथा प्रतिष्ठा प्राप्त करने वाले धीरूभाई अंबानी आज अपने निधन के 21 वर्षों के बाद भी मानस पटल पर छाए हुए हैं। उन्होंने कहा कि धीरूभाई अंबानी महापुरुषों की श्रृंखला का ऐसा नाम हैं, जिन्होंने इस देश को आर्थिक उन्नति दिलाई। अंबानी आने वाली पीढ़ियों के लिए रोज़गार के विपुल अवसर सृजित कर देश को आत्मनिर्भरता की दिशा में ले गए। मानवता की भलाई, लोक कल्याण, राष्ट्रोत्थान तथा दीन-हीन की सहायता के लिए आजीवन प्रयत्नशील रहे अंबानी का जीवन सार्थक रहा है। उन्होंने कहा कि सौराष्ट्र के एक छोटे से गांव में साधारण परिवार में जन्मे अंबानी ने इच्छा व आकांक्षाओं से ज़िंदादिली भरा जीवन जीकर दिखाया। अंबानी की छोटी से छोटी गतिविधि से जुड़े रहे नथवाणी ने इस ग्रंथ में प्रामाणिकता पूर्वक कई प्रमाणित घटनाओं को आलेखित किया है।

मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने ‘एकमेव... धीरूभाई अंबानी’ पुस्तक के अनावरण अवसर पर कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश के युवाओं को हमेशा धीरूभाई अंबानी की भांति साहसी बन कर राष्ट्र सेवा करने के लिए प्रेरणा देते हैं तथा स्टार्टअप के लिए प्रोत्साहित करते हैं। उन्होंने धीरूभाई के संघर्ष का वर्णन करते हुए कहा कि धीरूभाई द्वारा देखे गए सपनों को साकार करने की लगन उनकी जीवन यात्रा में सामान्य बात थी। उनके पास उद्योग स्थापित करने के लिए शुरू में भले ही कोई ख़ास पूंजी नहीं थी, परंतु उनमें हिमालय जितनी ऊंची इच्छाएं पूर्ण करने की लगन थी। धीरूभाई अंबानी एक गुजराती के रूप में गुजरात को व्यापर-उद्योग क्षेत्र में विश्व में गौरव दिलाने वाले के रूप में दिशादर्शक बने हैं। उनके इस योगदान को ध्यान में रख कर वर्ष 2016 में उन्हें मरणोपरांत पद्मविभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।

रिलायंस इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड के चेयरमैन व मैनेजिंग डाइरेक्टर मुकेश डी. अंबानी ने इस पुस्तक की प्रस्तावना लिखी है। इस पुस्तक में धीरूभाई के निधन के बाद समय-समय पर परिमल नथवाणी द्वारा धीरूभाई के विषय में विभिन्न अख़बारों में आदि लिखे गए लेखों का संग्रह भी है। पुस्तक के लेखक परिमल नथवाणी ने कहा, “धीरूभाई के साथ मेरा नाता जगजाहिर है। फलस्वरूप इस पुस्तक की सामग्री में मेरे आदर्श पुरुष धीरूभाई अंबानी का मेरे मन पर पड़ा प्रभाव, मेरे अवलोकन तथा मुझे हुई अनुभूति आदि प्रतिबिंबित हुई और यह स्वाभाविक भी है।”

इस अवसर पर मंत्री हर्ष संघवी, राघवजीभाई पटेल, मुळूभाई बेरा, सांसद पूनमबेन माडम, राजेश चुडासमा, विधायक शैलेष मेहता, विभिन्न औद्योगिक गृहों के प्रमुख, राज्य के मुख्य सचिव राज कुमार, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव के. कैलाशनाथन, वरिष्ठ अधिकारी, प्रतिनिधि, महानुभाव सहित गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार/बिनोद/आकाश

Updated On 26 Sep 2023 12:16 AM GMT
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